Barley in Hindi – जौ एक ऐसा अनाज है जो गेंहू अन्य अनाजों की तुलना में ज्यादा लोकप्रिय नही है लेकिन प्राचीन समय में इसे अनाज का राजा कहा जाता जाता था.यह एक ऐसा दुर्लभ अनाज है जिसमे कई मिनरल्स और विटामिन्स पाया जाता है जो शरीर को हेल्दी औरऔषधिय दवाइयों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.
शुरुआत में जौ का अत्यधिक इस्तेमाल केवल पशुओ को चारे के रूप में खिलाया जाता था, लेकिन इसके स्वास्थ सम्बन्धी लाभों को देखते हुए और वैज्ञानिको ने परिक्षण कर मनुष्य के खाने योग्य बनाकर आहार के रूप इस्तेमाल होने लगा है.
आज के इस पोस्ट में हम आपको जौ क्या है और इसके फायदे के बारे में बताएँगे.
जौ क्या है – Barley Meaning in Hindi
जौ एक अनाज है जो दिखने में बिलकुल गेंहू की तरह होता है. जौ उत्पादन प्राचीन समय से किया जा रहा है. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और कई मिनरल्स पाए जाते हैं.
जौ की खेती भारत, अमेरिका, जर्मनी व रूस जैसे अन्य देशों में की जाती है.हालांकि, गेहूं व धान जैसे प्रमुख्य अनाजो की तुलना में इसकी खेती कम की जाती है.
जौ अपने बीज और पानी के लिए खासकर प्रसिद्ध है.जौ का पानी का इस्तेमाल बियर और अन्य पेय पदार्थ बनाने में किया जाता है. जौ का पानी बाजार में आसानी से मिल जाता है लेकिन घर में बनाया गया जौ का पानी ज्यादा फायदेमंद और स्वस्थ्यवर्धक होता है.
जौ के प्रकार – Types of Barley in Hindi
बाजार में आपको कई प्रकार के जौ मिल जायेंगे हैं, जिन्हें अपनी जरुरत के अनुसार खरीद सकते हैं. तो आइये आपको जौ के विभिन्न प्रकारों से परिचित करवाते हैं.
1 चोकर बार्ले – Hulled Barley in Hindi
जौ का आटा (Jau ka Atta) बनाते समय जो भूसी निकलती है उसे चोकर बार्ले कहा जाता है. इस चोकर में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिसका सेवन करने से गैस,कब्ज जैसी समस्यायों से छुटकारा मिलता है.
2 गुच्छे बार्ले – Flakes Barley in Hindi
यह जौ के बीजो को चपटा करके बनाया जाता है. इसमें खासबात होती है कि यह Ready to Eat होता है यानी इसे बिना पकाए खा सकते हैं. दूध या दलिया में मिलाकर इसका सेवन किया जा सकता है.
3 पतवार बार्ले – Grits Barley in Hindi
इसको बनाने के लिए जौ के दानो (Barley Seeds) के ऊपर लगे छिलकों हल्का भूनकर फिर उन्हें साफ़ किया जाता है, जिससे हल्का मोटा आटा तैयार होता है उसे पतवार बार्ले कहते हैं.इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है.
4 पर्ल बार्ले – Pearl Barley in Hindi
पर्ल बार्ले को चोकर की परत हटकर बनाया जाता है. इसके दाने छोटे, गोल और सफ़ेद रंग के होते है. पर्ल बार्ले का ज्यादातर इस्तेमाल सूप तथा सलाद के रूप में किया जाता है.
5 अनहॉल्ड बार्ले – Unhulled Barley in Hindi
जब जौ के दानो (Barley Seeds) के ऊपर लगी भूसी को बिना हटाये इस्तेमाल किया जाता है तो इसे अनहॉल्ड बार्ले कहा जाता है.आमतौर पर इसका इस्तेमाल अंकुरित करके नाश्ते के रूप में किया जाता है.
जौ के फायदे – Benefits of Barley in Hindi
जौ का इस्तेमाल करने से अनेको फायदे मिलते हैं जो शरीर को स्वस्थ और रोगों से लड़ने में मदद करते हैं. तो आइये विस्तार से जौ के फायदे के बारे में जानते हैं.
1 जौ के फायदे रखें हृदय को स्वस्थ
ह्रदय शरीर का एक मत्वपूर्ण अंग होता हैं जिसको स्वस्थ रखने में हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी चाहे महिला हो या पुरुष हो सकती है.ह्रदय से संबंधित बीमारियाँ होने के प्रमुख्य कारण हो सकते हैं जैसे अनियमित दिनचर्या,धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक तनाव और उच्च रक्तचाप.
जौ का पानी ह्रदय को स्वस्थ रखने में बहुत फायदेमंद होता है.जौ का पानी में नियासीन तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो ह्रदय को विषाक्त पदार्थों से बचाने में मदद करता है और ह्रदय को स्वस्थ रखने में लाभकारी होता है.
2 जौ का दलिया खाने के फायदे वजन कम करने में
आज अनियमित जीवनशैली और गलत खान पान के कारण कई लोग मोटापे का शिकार हो जाते हैं.और इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. अपना वजन कम करने के लिए लोग कई तरीको को आजमाते है जैसे एक्सरसाइज और दवाइयों का सेवन करना.
जब इन तरीको से भी मोटापा कम नहीं होता है तो व्यक्ति खाना खाना छोड़ देता है या खाना कम खता है. लेकिन ऐसा करने से आपका शरीर कमजोर हो जाता है और अन्य बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता है.
जौ का दलिया खाने के फायदे होते है बढ़ते वजन को कम करने में.जौ में बीटा-ग्लूकेन,फाइबर और एंटीओबेसिटी तत्त्व पाए जाते हैं जो मोटापे को कम करने में मदद करते हैं. फाइबर एक घुलनशील पदार्थ होता है जो आंतो में जाकर फैट को अवशोषित करता है और धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है.
(और पढ़ें – वजन कम करने के लिए घरेलू उपाय)
3 हड्डियों को मजबूत बनाने में जौ के लाभ
एक उम्र के बाद हड्डियाँ कमजोर होना आम बात है लेकिन यदि कम उम्र में हड्डियाँ कमजोर हो जाए तो चिंता का विषय बन जाता है. हड्डियाँ कमजोर होने पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे शारीरिक कमजोरी, वजन उठाने में असमर्थ, जल्दी थकान होना आदि.हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अपने आहार कैल्शियम और अन्य जरुरी तत्वों को शामिल करने की आवश्यकता होती है.
हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में जौ का दलिया खाने के फायदे मिल सकते हैं. जौ में कैल्सियम, फास्फोरस, जिंक और अन्य पोषक तत्त्व पाए जाते है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में कारगर माने जाते हैं.
4 जौ का प्रयोग पित्ताशय की पथरी में असरदार
पित्त की पथरी छोटे पत्थर के आकार की होती हैं, जो पित्ताशय की थैली में मौजूद होती हैं. पित्त की पथरी होने पर रोगी को बहुत तेज दर्द होता है. यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो बाद में ऑपरेशन की नौबत आ जाती है.
पित्ताशय की पथरी को दूर करने में जौ के आटे की रोटी फायदेमंद होती है.जौ में मौजूद फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पित्ताशय की पथरी को गलाने में मदद करता है.
(और पढ़ें – पथरी की दवा पतंजलि)
5 जौ का पानी के लाभ मधुमेह नियंत्रण में
आजकल भाग-दौड़ और तनाव भरी जिंदगी हो गई है जिसमे न खाने का ढंग और न ही सोने का सही समय जिससे परिणामस्वरूप कई गंभीर बीमारियाँ घेरने लगती है.
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो यदि किसी व्यक्ति एक बार हो जाए तो ज़िन्दगी भर उस व्यक्ति के साथ रहती है.जौ का पानी मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है. जौ में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन की मात्रा बढाने में मदद करता है जिससे शुगर कण्ट्रोल में रहता है.
(और पढ़ें – शुगर को जड़ से खत्म करने के उपाय)
6 जौ का फायदा पाचन शक्ति बढाने और कब्ज को ठीक करने में
पाचन तंत्र हमारे शरीर का प्रमुख अंग होता है जो भोजन को पचाकर उससे मिली ऊर्जा को शरीर में लगाता है. यदि किसी व्यक्ति का पाचन तंत्र ख़राब है या ठीक तरह से काम नहीं कर रहा तो कितना भी अच्छा भोजन कर ले शरीर को कोई फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान ही होगा.पाचन क्रिया ख़राब होने पर कब्ज, पेट दर्द, दस्त और अन्य समस्याएं होने लगती है.
पाचन शक्ति को बढ़ाने में जौ का आटा (Jau ka Atta) बहुत लाभकारी होता है.जौ में मौजूद डायट्री फाइबर,बीटा-ग्लूकेन और ब्यूटेरिक एसिड जो पाचन शक्ति को बढ़ाने के साथ ही कब्ज को ठीक करने में मदद करते है.
(और पढ़ें – पुरानी कब्ज का रामबाण इलाज)
7 जौ के फायदे कैंसर से इलाज में
कैंसर एक ऐसा रोग है, जो धीरे-धीरे वैश्विक महामारी का रूप लेता लेता है. यदि किसी व्यक्ति को कैंसर रोग हो जाता है तो इसे ठीक करना बहुत मुश्किल होता है. इसके अलावा कैंसर का इलाज इतना महंगा होता है कि ज्यादातर लोग इसके खर्च उठाने में सक्षम नहीं हो पाते. इसलिए इससे बचाव में ही समझदारी है.
जौ का इस्तेमाल करने से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है.जौ में बीटा-ग्लूकेन, फिनोलिक्स, अर्बीनोक्जायलन, फाइटोस्टेरोल, लिग्नेन और रेजिस्टेंट स्टार्च जैसे तत्व मौजूद होते है जो कैंसर बीमारी की रोकथाम करते हैं. इसके अलावा जौ में एंटीकैंसर गुण पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है और उन्हें नष्ट करता है.
8 जौ के गुण बचाएं एनीमिया से
जब हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है तो एनीमिया रोग या खून की कमी हो जाती है.एक शोध के अनुसार यह बात सामने आयी है कि अन्य देशों की महिलाओं की तुलना में भारतीय महिलाओं को ज्यादा एनीमिया रोग ग्रसित करता है.आयरन की कमी के कारण शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है जिससे एनीमिया रोग हो जाता है.
जौ का सेवन करने से आयरन को पूरा किया जा सकता है और एनीमिया रोग से छुटकारा मिल सकता है.जौ में आयरन की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो शरीर में खून की कमी को पूरा करता है.
(और पढ़ें – एनीमिया का इलाज)
9 अस्थमा के लिए जौ के लाभ
अस्थमा या दमा फेफड़ों की एक ऐसी गंभीर बीमारी होती है जिसकी वजह से रोगी को साँस लेने में दिक्कत होती है. अस्थमा होने के कारण स्वशन नली में सूजन आ जाती है और इसी नाली के माध्यम से हवा फेफड़ों के अन्दर और बाहर जाती है जिससे पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में काफी समस्या होती है.
अस्थमा होने के कई कारण हो सकते है जैसे कई लोगों को यह बीमारी जेनेटिक के कारण होती हैं तो कई लोग एलर्जी के कारण अस्थमा के शिकार हो जाते है.अस्थमा से निजात पाने में जौ का सेवन करना फायदेमंद शाबित हो सकता है.
(और पढ़ें – अस्थमा की देशी दवा पतंजलि)
10 जौ का सत्तू खाने के फायदे अर्थराइटिस में
भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में गलत खान पान और अनियमित दिनचर्या से शरीर को कई बीमारियाँ घेरने लगती है जैसे हड्डियां, जोड़ों और मांंसपेशियां कमजोर होना. इसके परिणामस्वरूप गठिया रोग या आर्थराइटिस हो जाता है.
पहले यह बीमारी बूढ़े-बुजुर्गो को होती थे लेकिन अब युवा पीढी भी गठिया रोग से प्रभावित हो रहे है.अर्थराइटिस से ग्रसित रोगी को घुटनों, कूल्हों, हाथों में जकडन होती है. इसके अलावा पीड़ित को चलने-फिरने और उठने-बैठने में काफी कठिनाई होती है.
अर्थराइटिस से छुटकारा पाने के लिए जौ का सत्तू का सेवन किया जा सकता है. जौ में एंटीअर्थराइटिक तत्त्व पाया जाता है जो अर्थराइटिस से राहत दिलाने में मदद करता है.इसके लिए जौ के सत्तू को पानी में घोलकर पीने से अर्थराइटिस में लाभ होता है.
(और पढ़ें – गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय)
11 यूरिन इन्फेक्शन को दूर करने में जौ के लाभ
यूरिन इन्फेक्शन एक आम समस्या है जिसका असर महिलायों और पुरुषों दोनों में देख जा सकता है.यूरिन इन्फेक्शन होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया को माना जाता है, जो मूत्रमार्ग से होते हुए मूत्राशय में चला जाता है.यूरिन इन्फेक्शन का इलाज तुरंत करना चाहिए नहीं तो किडनी भी ख़राब हो सकती है.
यूरिन इन्फेक्शन से परेशान लोगो जौ का इस्तेमाल करना चाहिए. जौ में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते है जो मूत्र मार्ग से संबंधित बैक्टीरियल संक्रमण को नष्ट करने में असरदार होता है.यूरीन इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए जौ का पानी पीना बहुत लाभकारी माना जाता है.
जौ का पानी पीने से पेशाब के विषाक्त पदार्थ मूत्र के रूप में बाहर निकल जाता हैं. जिसकी वजह से यूरीन से सम्बंधित सभी समस्याओं से राहत मिलती है.
(और पढ़ें – बार बार पेशाब आना घरेलू उपाय)
12 रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में जौ है लाभकारी
यदि आप जरा से मौसम परिवर्तन होने पर जल्दी बीमार पड़ जाते है तो यह रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के लक्षण हो सकते हैं.जिन लोगो का इमुनिटी सिस्टम मजबूत होता है उनके शरीर में छोटी बिमारियों का जल्दी असर नहीं होता और उनका शरीर सर्दी-जुकाम, खासी जैसी छोटी बिमारियों से खुद ही निपट लेता है.
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के जौ का इस्तेमाल किया जा सकता है.जौ के बीज में मौजूद बीटा-ग्लूकेन और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करने के साथ-साथ ही उसे बढाने में मदद करता है.
(और पढ़ें – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय)
13 जौ का पानी का लाभ गर्भवती महिलाओं के लिए
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है जिसमें फल, दूध और हरी-सब्जियों शामिल होती है.जौ का पानी पीने से गर्भवती महिलायों को अद्भुत फायदे मिलते हैं.जौ में आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में लाभकारी होता है.
स्तन पान करा रही महिलायों को जौ का का पानी पीना चाहिए इससे स्तन में दूध की मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है.इसके लिए जौ के पानी को हल्का गर्म कर लें, अब इसमें थोडा सा सौफ मिला लें. लगभग 5-10 मिनट बाद इस पानी को पी लें.
14 त्वचा के लिए उपयोगी है जौ का पानी
सुन्दर दिखना किसे नहीं पसंद,खासकर लड़कियां ज्यादा चाहती हैं कि उनके त्वचा निखरी और स्वस्थ हर वक्त रहे. इसके लिए वो घंटों आइने के सामने बैठकर मेकअप करती हैं और कई प्रकार के क्रीम, पाउडर का इस्तेमाल करती है.कुछ लोग केमिकल युक्त कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को अपने त्वचा पर इस्तेमाल करते हैं, जिनसे फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ता है.
स्वस्थ और निखरी त्वचा पाने के लिए जौ का पानी का सेवन किया जा सकता है.जौ में अजेलिक एसिड नामक तत्त्व पाया जाता है जो चेहरे के मुहासे को दूर करने में मदद करता है.इसके लिए जौ के पानी को चेहरे पर लगायें और लगभग 10 मिनट बाद इसे साफ़ पानी से धो लें.
(और पढ़ें – चेहरे को गोरा और सुंदर बनाने के उपाय)
15 जौ के लाभ गर्मी को दूर करने में
जौ का पानी प्यास बुझाने के साथ-साथ, शरीर की गर्मी दूर करने में फायदेमंद होता है.जौ में विटामिन सी पचुर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर को डीहइड्रेट होने से बचाता है. इसके अलावा गर्मी के दिनो में सूर्य की हानिकारक किरणों से शरीर में गर्मी हो जाती है.
ऐसे में जौ का पानी में नीबू का रस और मिश्री मिलाकर पीने से शरीर को ठंडक मिलती है.
जौ का उपयोग – How to Use Barley in Hindi
जौ प्राचीन काल से पाए जाने वाला प्रमुख आनाजो में से एक है.हालाँकि अन्य अनाजो की तुलना में ज्यादा प्रचलित नहीं है लेकिन इसका इस्तेमाल करने से शरीर को कई स्वास्थवर्धक लाभ होते है. तो चलिए जानते हैं कि जौ का उपयोग कैसे करना चाहिए.
- जौ के बीजों का सूप बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है.
- जौ के आटे की रोटियां बनाकर सेवन कर सकते हैं.
- जौ की दलिया बनाकर नाश्ते के रूप में खा सकते हैं.
- जौ का पानी बनाकर पी सकते हैं. बेहतर स्वाद पाने के लिए इसमें नींबू का रस या शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं.
- जौ के बीज का पाउडर बनाकर इसे स्मूदी या मिल्क शेक में मिलाकर पी सकते हैं.
जौ का दलिया बनाने की विधि -Pearl Barley in Hindi
जौ का दलिया बनाना बहुत आसान है.जौ का दलिया खाने के फायदे जबरदस्त देखने को मिलते हैं.
- सबसे पहले एक कढाई में 1 चम्मच घी या तेल डालें.
- अब जौ का दलिया डालकर, पकने दें.
- दलिया पकने के बाद इसमें 1 कप दूध डालें और अच्छी तरह से पकाएं.
- अब इसमें चीनी, इलायची डालें.
- अब आपका जौ का दलिया (Pearl Barley) तैयार चुका है, इसका सेवन कर सकते हैं
जौ का पानी बनाने की विधि
वैसे जौ का पानी आपको बाजार में मिल जाएगा. लेकिन घर पर बनाया गया जौ का पानी ज्यादा स्वास्थवर्धक होता है. तो चलिए जानते हैं कि घर पर जौ का पानी कैसे बनायें.
- सबसे पहले जौ को साफ़ पानी से धोकर, लगभग 4 घंटो के लिए पानी में भिगोकर रख दें.
- अब कढाई में 1 गिलास जौ डालें और उसपर 4 गिलास पानी का अनुपात रखें और धीमी आंच में पकने दें.
- लगभग 50 मिनट तक इसे ढककर पकाएं.
- अच्छे से पक जाने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें.
- अब इस मिश्रण को छानकर पी सकते हैं.
जौ के नुकसान – Side Effects of Barley in Hindi
जौ के फायदों की तुलना में इससे होने वाले नुकसान बहुत कम हैं. लेकिन इससे होने वाले शारीरिक नुकसानों को जानना भी बहुत आवश्यक ताकि हम इसका सही प्रकार से लाभ ले सकें. तो आइये जानते हैं जौ से होने वाले नुकसान कौन कौन से हैं.
- ज्यादा मात्रा में जौ का सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती है.
- गर्वावस्था महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को जौ का सेवन करने से पूर्व किसी किसी चिकित्सक की परामर्स जरुर लेना चाहिए.
- जौ में एंटीडायबिटिक तत्व पाया जाता है इसलिए जिन लोगो का सुगर लेवल कम है या डायबिटीज की दवा लेने वाले लोगों को इसका सेवन नहीं चाहिए.
- ज्यादा मात्रा में जौ का सेवन करने से कुछ लोगो को एलर्जी की समस्या होने लगती है.
FAQs – Barley in Hindi
जौ का दलिया खाने से कई फायदे होते हैं जैसे वजन को नियंत्रित, प्रतिरोधक क्षमता बढाने में,पाचन क्रिया सुधारने में,हड्डियों और दांतों के स्वस्थ्य रखने में. रोजाना जौ की दलिया बनाकर नाश्ते की रूप में खा सकते हैं.
जौ की तासीर ठंडी होती है इसलिए गर्मी में इसका सेवन करने से शरीर की गर्मी दूर होती है. जौ में कई पोषक तत्व और खनिज पदार्थों की भरपूर मात्रा पायी जाती है जिसका सेवन करने से पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
जई में खनिज और प्रोटीन भारी मात्रा में पाए जाते हैं जबकि जौ में फाइबर, मैग्नीज, और तांबे की प्रचुर मात्रा पायी जाती है. इसके अलावा जई की खेती करने के लिए ठंडी जगह,नम जलवायु ज्यादा ज्यादा अच्छी रहती है जबकि जौ को दुनिया भर के सभी क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है.
जौ का सत्तू खाने अर्थराइटिस ,जुकाम, खाँसी तथा हिचकी और सांस संबंधी समस्यायों से छुटकारा मिलता है. जौ के सत्तू में घी या शहद मिलाकर रोजाना सेवन किया जा सकता है.
रोजाना लगभग 100 ग्राम जौ का सेवन किया जा सकता है, वहीं, इसकी सेवन करने की मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है.
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट जौ का दलिया खाने के फायदे (Barley in Hindi) जरुर पसंद आयी होगी. यदि आपके मन में Jau ka Atta से जुड़े कोई सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट कर सकते हैं.
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