किस महीने में लड़का होता है – शादी के बाद जब कोई लडकी गर्भवती होती है तो उस महिला और परिवार के अन्य सदस्य के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि पेट में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। आपको बता दें कि भारत में अजन्मे बच्चे का परिक्षण कराना या जांच करवाना कानूनन अपराध है।
लेकिन गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि गपेट में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की।
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि किस महीने में लड़का होता है और लड़का होने के लक्षण कौन-कौन से होते हैं। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
किस महीने में लड़का होता है – Kis Mahine Me Ladka Hota Hai
आमतौर पर गर्भवती महिला के नौ महीने में लड़का या लडकी होते हैं। हालांकि कुछ मामले ऐसे भी देखने को मिलते हैं जिनमे गर्भवती महिला के अपने बच्चे को नौ महीने से पहले ही जन्म दे देती है।
कई जगह ऐसी भी मान्यता है कि लड़के का जन्म लड़कियों की तुलना में जल्दी हो जाता है। जहाँ लडकियाँ नौ महीने पूरा होने के बाद जन्म लेती हैं तो वहीं लड़के नौ महीने पूरे होने से कुछ दिन पहले ही जन्म ले लेते हैं।
अगर गर्भवती महिला के पेट में लड़का पल रहा है तो निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
(1) उल्टी कम आना
एक गर्भवती महिला को उल्टी आना एक सामान्य लक्षण है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि अगर किसी गर्भवती महिला को उल्टियां कम आ रही हैं तो उसके पेट में लड़का है और अधिक उल्टियां हो रही हैं तो लड़की है
(2) गर्भ का आकार
ऐसा माना जाता है अगर किसी गर्भवती महिला के पेट में लड़का है तो पेट का आकार लम्बा होता है और नीचे की ओर ज्यादा होता है। और पेट में लड़की होने पर पेट का आकार गोल होता है और आगे से ज्यादा दिखाई देता है।
(3) त्वचा पर दाग-घब्बे
अगर किसी गर्भवती महिला के पेट में लड़का है तो उसके चेहरे पर ज्यादा पिंपल्स निकलने लगते हैं। साथ ही आंखों के नीचे काले घेरे दिखने लगते हैं। और लडकी होने पर दाग-धब्बों की समस्या नहीं होती है या फिर बहुत कम होती है।
(4) पेसाब का रंग
अगर गर्भवती महिला के गर्भ में लड़का पल रहा है तो उस महिला के पेसाब का रंग ज्यादा पीला होता है। और यह गर्भवती महिला के पेसाब का रंग हल्का पीला है तो इसका मतलब उसके गर्भ में लडकी है।
(5) स्तनों का आकार
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिसकी वजह से स्तनों के आकार में परिवर्तन होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर महिला के गर्भ में लड़का है तो दाहिना स्तन बड़ा और बायां स्तन छोटा होता है।
(6) पैर ठन्डे होना
अगर र्भवती महिला पैर ठण्ड और रूखेंपन है तो ऐसा माना जाता है कि उस महिला के गर्भ में लड़का है। क्योंकि गर्भ में लड़की होने पर पैर ठंडे नहीं पड़ते हैं।
(7) मूड स्विंग होना
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का मूड स्विंग होना आम बात है। इस दौरान महिलाएं कभी खुश तो कभी चिडचिडी स्वभाव दिखती हैं। अगर मूड स्विंग जल्दी-जल्दी हो रहा है तो उस महिला के गर्भ में लड़का है।
किस दिन संबंध बनाने से लड़का होता है
ओव्यूलेशन के आखिरी दिन या अगले दिन शारीरिक सम्बन्ध बनाने से लड़का पैदा होने का सबसे ज्यादा चांस रहता है। आपको बता दें कि पुरुष के शरीर में दो प्रकार के शुक्राणु पाए जाते हैं X और Y। जब की महिला के शरीर में केवल XX होता है।
जब महिला और पुरुष शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं तो जब XY मिलता है तो लड़का पैदा होता है और जब XX मिलता है तो लडकी पैदा होती है। लड़का पैदा करने वाले शुक्राणु बहुत जल्दी गर्भ में प्रवेश करते है लेकिन ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहते हैं। अगर आप पीरियड्स के 12 दिन बाद सम्बन्ध बनाते हैं तो लड़का होने के चांस अधिक बढ़ जाते हैं।
FAQs – किस महीने में लड़का होता है
लड़का 9वें महीने के कुछ दिन पहले होता है।
गर्भ में लड़का होने पर कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है।
पेट में लड़का होता है तो कई प्रकार के लक्षण दिखने लगती है जैसे ठंडे पैर होना, स्तनों का आकार बढ़ना, उल्टी आना आदि।
सितंबर से नवंबर महीने में लड़के ज्यादा पैदा होते हैं।
आठवें महीने में लड़का होने के निम्न लक्षण होते हैं जैसे पेसाब का रंग गाढ़ा और अधिक पीला होना, पिम्पल्स निकलना, पेट नीचे की ओर बढ़ना, पैर ठंडे होना आदि।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि किस महीने में लड़का होता है। हर गर्भवती महिला यह जानना चाहती है कि उसके गर्भ में पल शिशु लड़का है या लडकी। आप ऊपर बताये गए लक्षणों की पहचान करके पता लगा सकते हैं कि गर्भ में लड़का है या लडकी।।
मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी। अगर आपके मन में इस पोस्ट से जुड़े कोई सवाल या सुझाव हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
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