Ragi in Hindi – स्वस्थ और हेल्दी शरीर पाने के लिए लोग तरह-तरह के अनाजों का सेवन करते हैं। इनमे से कुछ अनाज जैसे चावल, गेंहू, चना ज्यादा चर्चित होते हैं तो कुछ कम होते हैं। रागी एक प्रकार का अनाज होता है जो ज्यादा लोकप्रिय तो नहीं है लेकिन सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
रागी खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ हमें कई तरह की बिमारियों से बचाने में भी मदद करता है। आज के इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेगे कि रागी क्या है, इसके फायदे और उपयोग करने का सही तरीका। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
रागी क्या है – What is Ragi in Hindi
रागी एक प्रकार का मोटा अनाज होता है जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल होता रहा है। रागी को मंडुआ, नाचनी, फिंगर मिलेटआदि नामों से जाना जाता है। रागी का वैज्ञानिक नाम एलुसीन कोरकाना है।
आमतौर पर रागी का इस्तेमाल लोग आटे के रूप में करते हैं। रागी के आटे को गेहूं के आटे में मिलाकर उपमा, सूप, बिस्कुट, डोसा आदि स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। रागी ना सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी होता है।
रागी की खेते ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में की जाती है। इसके पौधा लगभग 1 मीटर तक ऊचाँ होता है। इसके बीज गोलाकार, गहरे-भूरे रंग के और झुर्रीदार होते हैं। रागी की खेती भारत में सबसे अधिक कर्नाटक राज्य में की जाती है। इसके अलावा रागी अफ्रीका देश में सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला एक मुख्य अनाज है।
रागी के फायदे – Benefits of Ragi in Hindi
आयुर्वेदिक में रागी को लेकर कई प्रकार के फायदे बताये गए हैं। तो चलिए कि आप रागी का इस्तेमाल करने से क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
1.) रागी के फयदे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में
कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा जो रक्त में पाया जाता है। लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है जो शरीर को कई सारी परेशानियां होने लगती है। बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे के लिए रागी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
दरसल रागी में लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल पाये जाते हैं जो लीवर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करते है जिससे बढ़े हुआ कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है।
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2.) रागी के लाभ स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए
नवजात शिशुओं के लिए माँ का दूध अमृत के सामान होता है। अतः शिशुओं को कम से कम 6 महीने तक माँ के दूध पीना चाहिए।
रागी में अमीनो अम्ल, कैल्शियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो माँ का दूध बढ़ाने के लिए मदद करते हैं। इसलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने आहार में रागी को शामिल करना चाहिए।
3.) रागी के गुण करें वजन कम
जब भी हम अपना बढ़ा हुआ वजन कम करने का सोचते हैं तो सबसे दिमाग में सबसे पहले यही ख्याल आता है कि खाना छोड़ दें तो वजन कम हो जाएगा। लेकिन ऐसा करने से आपके सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
अगर आप वजन करना चाहते हैं तो रागी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। रागी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो वजन कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप अन्य अनाजों से बनी रोटियां खाने के बजाय रागी अनाज से बनी रोटियों का सेवन कर सकते हैं।
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4.) रागी के फायदे हृदय को स्वस्थ रखने में
हृदय हमारे शरीर का बहुत अनमोल अंग होता है जो 24 घंटे काम करता है। इसलिए हृदय को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक होता है। कई बार ख़राब दिनचर्या और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
कई शोधकर्ताओं का मत है कि रागी हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है। साथ ही हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में मदद करता हैं।
5.) रागी खाने के फायदे मधुमेह नियंत्रण में
आजकल मधुमेह से ग्रसित रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो अगर किसी व्यक्ति को एक बार हो गया तो जिंदगीभर उस व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ता है। मधुमेह को जड़ से ख़त्म करना असंभव है लेकिन इसको नियंत्रित जरुर किया जा सकता है।
रागी में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं जिसका सेवन करने से मधुमेह के रोगियों को काफी लाभ मिलता है। इसके लिए आप रागी को सुबह या दोपहर के भोजन में शामिल कर सकते हैं।
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6.) रागी है फौलादी हड्डियों का स्त्रोत
हड्डियाँ कमजोर होने से व्यक्ति बुढ़ापा महसूस करता है। कमजोर हड्डियों वाला व्यक्ति अधिक भर उठाने में असक्षम हो जाता है। कभी-कभी तो स्थित ऐसी हो जाती है कि उसे अपने व्यक्तिगत काम करने के लिए दूसरों का सहारा लेना पड़ता है।
हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए रागी का सेवन करना बहुत लाभकारी माना जाता है। रागी में चावल के मुकाबले 30 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
7.) रागी के लाभ एनीमिया में
जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तो हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है जिससे व्यक्ति को एनीमिया रोग हो जाता है। एनीमिया से छुटकारा पाने के लिए रोगी को अपने आहार में रागी शामिल करना चाहिए।
रागी प्राकृतिक लोहे का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है जो खून की कमी से पीड़ित लोंगो के लिए वरदान है। हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए के लिए रागी के बीजों को अंकुरित करके सुबह खाली पेट सेवन कर सकते हैं।
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8.) रागी करे हाई ब्लड प्रेशर को कम
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या एक गंभीर समस्या है जिससे कई लोग जूझ रहे हैं। हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए लोगो को रोजाना अंग्रेजी दवाइयों का सेवन करना पड़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए रागी का सेवन किया जाता है। रागी में बहुत सारे ऐसे तत्व होते है जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप प्रतिदिन रागी के आटे की रोटी खा सकते हैं।
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9.) रागी के फायदे शिशुओं के लिए
रागी एक पौष्टिक आहार है जिसका सेवन न सिर्फ बड़े-बुजुर्ग कर सकते हैं बल्कि बच्चे भी कर सकते हैं। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए कैल्शियम और प्रोटीन बहुत जरुरी होते हैं।
रागी में कैल्शियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं। जिसका सेवन करने से बच्चे स्वस्थ और कई प्रकार बीमारियों से दूर रहते हैं।
10.) रागी के गुण रखे त्वचा का ख्याल
कोमल त्वचा और स्वस्थ त्वचा सबकी चाहत होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ त्वचा में कई तरह के बदलाव होते हैं। जिनमे से कुछ लोगो की त्वचा पहले से और अधिक खूबसूरत हो जाती है। तो कुछ की अस्वस्थ त्वचा हो जाती है जिसके परिणाम स्वरुप त्वचा पर फोड़े-फुंसिया, झुर्रियां, मुंहासे आदि रोग होने लगते हैं।
रागी शरीर के साथ साथ त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद होती हैं। दरअसल, रागी में मेथियोनीन और लाइसिन जैसे एमिनो एसिड पाए जाते हैं तो त्वचा सम्बंधित विकारों को दूर करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप रागी को त्वचा पर फेस मास्क के रूप कर सकते है।
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रागी का उपयोग -Uses of Ragi in Hindi
ऊपर हमने रागी के फायदों के बारे जान लिया है। अब जानते हैं कि रागी का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
- रागी की रोटी बनाकर खा सकते हैं।
- रागी का डोसा बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- रागी का आटा से पराठें बनाकर खा सकते हैं।
- रागी से इडली बनाकर भी खा सकते है।
- रागी का इस्तेमाल फेस मास्क के रूप में कर सकते हैं।
रागी के पौष्टिक तत्व – Nutritional Value of Ragi in Hindi
रागी में एक नहीं बल्कि कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। रागी में कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, फाइबर, फॉस्फोरस, प्रोटीन, आयरन, आयोडीन, कैरोटीन, जिंक, मेथोनाइन अमीनो अम्ल, सोडियम, कॉपर, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। तो आइये इस चार्ट के माध्यम जानते हैं कि रागी में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं और कितनी मात्रा में मौजूद होते है।
पोषक तत्व | पोषक तत्वों की मात्रा |
प्रोटीन | 7.7 ग्राम |
पोटैशियम | 430-490 मिलीग्राम |
कैल्शियम | 398 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 130-250.0 मिलीग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 75.0 – 83.3 ग्राम |
सोडियम | 49 मिलीग्राम |
कॉपर | 0.47 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 78-201 मिलीग्राम |
जिंक | 2.3 मिलीग्राम |
फैट | 1.8 ग्राम |
आयरन | 3.3-14.89 मिलीग्राम |
फाइबर | 15-22.0 ग्राम |
मैंगनीज | 17.61-48.43 मिलीग्राम |
रागी के नुकसान – Side Effects of Ragi in Hindi
औषधीय गुणों से युक्त रागी के कई सारे अनगिनत फायदें होते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से यह आपको शारीरिक नुकसान पहुंचा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि रागी के सेवन से होने वाले नुकसान कौन-कौन से हैं।
- रागी में कैल्शियम काफी मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में रागी का अधिक सेवन से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।
- रागी फाइबर युक्त अनाज है । अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पेट संबंधी समस्याएं जैसे – गैस, पेट फूलना और पेट में ऐंठन हो सकती है।
- रागी का अधिक मात्रा में सेवन करने से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
FAQs – Oats in Hindi
रागी को हिंदी में मंडुआ, मकरा, मंडल, रोत्का के नाम से जाना जाता है।
सुबह का नाश्ता या लंच में रागी को खाना बहुत फायदेमंद होता है।
रागी खाने से डायबिटीज़, कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट रागी के फायदे (Ragi in Hindi) जरुर पसंद आया होगा. यदि आपके मन में रागी से जुड़े कोई सवाल या जुझाव है तो नीचे कमेंट कर सकते है. इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर भी शेयर करें जिससे अन्य लोगो को रागी खाने के फायदे और सही तरीका पता चलेगा।
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