शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय – कई दंपति ऐसे होते हैं जिन्हें शादी के कई वर्षों के बाद भी संतान की प्राप्ति का सुख नहीं मिल पाता है। आज के समय में पुत्र और पुत्री एक समान होती है लेकिन ज्यादातर लोगो की मानसिकता रहती है कि उनके एक संतान पुत्र जरूर रहे।
पुत्र को परिवार का वारिस माना जाता है और वह वंश को आगे बढ़ाता है। लेकिन जिन दंपत्तियों को पुत्र की प्राप्ति का सुख नहीं मिल पा रहा है तो उन्हें एक बार शिवपुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपायों को अपनाकर जरूर देखना चाहिए।
आज के इस पोस्ट में हम आपको बताने जा हैं कि शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय कौन-कौन से हैं, जिन्हें अपनाने से किसी भी दंपति को पुत्र प्राप्ति का सुख मिल सकता है। तो इस कमाल की जानकारी पाने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय – Shiv Puran Ke Anusar Putra Prapti Ke Upay
शिव पुराण में भगवान भोलेनाथ की महिमा का बखान है। और भक्त अपने कष्टों को दूर करने के लिए तरह-तरह के उपाय कर सकते हैं। इसी प्रकार से जिन महिलाओं को पुत्र प्राप्ति नहीं हो रही है, तो शिव पुराण में बताये गए पुत्र प्राप्ति के उपायों को अपना सकती हैं।
इन उपायों को अपनाने से पुत्र प्राप्ति की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। तो चलिए जानते हैं कि शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय कौन-कौन से हैं।
(1) धतूरे का उपाय
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए धतूरे का फूल चढ़ाकर पूजा कर सकते हैं। इसके लिए आप जब भी भगवान् शिव की आराधना करें तो धूप, अगरबत्ती और धतूरे का फूल चढ़ाकर बड़ी श्रद्धा से पूजा करें।
ध्यान रहे कि आपके मन में नकारात्मक विचार ना आयें और आपको सिगरेट, बीड़ी, शराब, तंबाकू और तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
(2) जल अर्पण
सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की आराधना करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस पावन महीने में महिलाओं को प्रतिदिन भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए।
अगर कोई दंपति सच्चे मन से शिवलिंग पर रोजाना जल अर्पित करती है तो भगवान शिव प्रसन्न होते है और उसे पुत्र प्राप्ति का सुख मिलता है।
(3) वृक्षारोपण
वृक्ष हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान निभाते हैं। वृक्ष हमें फल, छाया, लकड़ियाँ और ऑक्सीजन जैसे विशिष्ट लाभ प्रदान करते है। शिव पुराण में भी संतान प्राप्ति के लिए वृक्षारोपण का वर्णन किया गया है।
अगर कोई दंपति वृक्ष लगाती हैं और उन वृक्षों की देखभाल करके उन्हें बड़ा करती हैं तो उन्हें फलस्वरूप सुंदर पुत्र रत्न का संयोग होता है। इसमें दंपति पीपल, आम जैसे फलदार वृक्ष लगा सकती है।
(4) उपवास रखें
पुत्र प्राप्ति के लिए दंपति को भगवान् भोलेनाथ का व्रत रखना चाहिए। व्रत को बड़ी श्रद्धा और सच्चे मन से रखना चाहिए, इससे उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
इसके लिए आपको 11 सोमवार का व्रत करना है और दूध से शिव जी का अभिषेक करके बेलपत्र चढ़ानी हैं। और शिवलिंग के सामने बैठकर श्रद्धा भाव से 108 बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और आपको संतान प्राप्ति का सुख मिलेगा।
(5) कन्या भोजन
अगर आप भी पुत्र प्राप्ति का सुख चाहते हैं तो आप भगवान् शिव की आराधना करके कन्या भोजन करवा सकते हैं। आप 11 सोमवार तक 11 कन्याओं को भोजन करवा सकते है।
एक बात का विशेष ध्यान रखें कि कन्या भोजन को अपने हांथो से बनायें और अपने हांथो से ही भोजन करवाएं। इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी और पुत्र प्राप्ति का सुख मिलेगा।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय कौन-कौन से हैं। शादी के बाद हर दंपति की इच्छा होती है कि उसे भी संतान प्राप्ति का सुख मिले। शिव पुराण में संतान प्राप्ति के लिए कई उपायों का वर्णन किया गया है।
अगर कोई दंपत्ति शिव पुराण के अनुसार बताये गए उपायों को अपनाती है तो उसे भी सुन्दर और योग्य पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। लेकिन शिव पुराण में बताये गए किसी भी उपाय को अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए।
नोट – इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। अगर आप कोई उपाय करना चाहती है तो अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार ही करें, अगर ईश्वर की कृपा रहेगी तो आपको भी संतान प्राप्ति का सुख मिलेगा।
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