क्या आप भी जानना चाहते हैं कि बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं। बवासीर के रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान देना चाहिए। सही खान-पान और दिनचर्या अपनाने से बवासीर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
दूध को भले ही को संपूर्ण आहार की श्रेणी में रखा गया है लेकिन कई रोगों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। बवासीर के दौरान दौरान भी कई लोगो के मन में ये प्रश्न उठता है कि बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं, तो चलिए इस सवाल जा जवाव इस पोस्ट में जानते हैं।
बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं
बवासीर में दूध नहीं पीना चाहिए। दरअसल दूध पीने से सीधे तौर पर बवासीर पर कोई असर नहीं पड़ता है, लेकिन इससे कब्ज की समस्या हो सकती है। जिससे बवासीर की समस्या और बढ़ सकती है।
हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं। लेकिन कई एक्सपर्ट्स और विशेषज्ञ के अनुसार बवासीर से पीड़ित व्यक्तियों को और अधिक समस्या न हो इसलिए लिए दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
बवासीर में कौन से दूध उत्पादक खाद्य पदार्थ ले सकते हैं
बवासीर से पीड़ित व्यक्तियों को दूध नहीं पीना चाहिए। लेकिन दूध से निर्मित कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ है जिनका सेवन किया जा सकता है। इसके बवासीर रोगियों के स्वास्थ पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। यहाँ तक कि आपके पाचन को दुरुस्त करेंगे और भी कई प्रकार के लाभ मिलेगे।
तो चलिए जानते हैं कि बवासीर में कौन-कौन से दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं।
1. दही का सेवन
बवासीर से पीड़ित व्यक्ति दही का सेवन कर सकते हैं। दही में प्रोबायोटिक नामक तत्व मौजूद होता है जो पाचन क्रिया में मदद करता है। और कब्ज की समस्या को दूर करता है जिससे बवासीर के रोगियों को मल त्याग करने में आसानी होती है।
इसके अलावा भी दही का सेवन करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे बवासीर रोग ठीक होने में मदद मिलती है।
2. केफिर का सेवन
केफिर दूध उत्पादक प्रोडक्ट है जिसका सेवन बवासीर के मरीज कर सकते हैं। केफिर एक लोकप्रिय पेय बदर्थ है जिसे बनाने के लिए दूध को 30 डिग्री सेलसियस में गर्म किया जाता है। कुछ देर गर्म करने के बाद इसमें खमीर डालकर केफिर को तैयार किया जाता है।
केफिर में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो पाचन क्रिया को तंदुरस्त रखते हैं और खाना पचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा भी केफिर पीने से अन्य कई स्वास्थवर्धक लाभ मिलते हैं।
बवासीर में क्या खाना चाहिए
बवासीर एक गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से पीड़ित के गुदा के आसपास सूजन आ जाती है। बवासीर के रोगियों को मल त्याग करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बवासीर के रोगियों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर बवासीर के शुरुआती स्टेज में है तो अपने खान-पान में बदलाव करके इसे ठीक किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि बवासीर के रोगियों को अपने आहार में क्या-क्या शामिल कर सकते हैं –
1. साबुत अनाज
साबुत अनाज बवासीर के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। साबुत अनाज में फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है जो बवासीर को ठीक करने में कारगर होता है। इसके अलावा साबुत अनाज का सेवन करने से मल नरम होता है जिससे बवासीर रोगियों मल त्याग करने में आसानी होती है।
इसके लिए आप ओट्स, ब्राउन राइस, गेहूं, जौ जैसे साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं।
2. फलों का सेवन
कई फल जैसे होते हैं जिनका सेवन करने से बवासीर के रोगियों काफी लाभ मिलता है। बवासीर से पीड़ित लोग अपने आहार में केला, सेब, पपीता, अंगूर और संतरा जैसे फलों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
इन फलों में कई प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर मौजूद होते हैं जो बवासीर में फायदेमंद होते हैं।
3. सब्जियों का सेवन
बवासीर के रोगियों को अपने आहार में हरी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए। हरी और पत्तेदार सब्जियों में कई प्रकार के विटामिन्स, फाइबर और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो बवासीर को ठीक करने में मदद करते हैं।
इसके लिए आप पालक, गाजर, खीरा, करेला, लौकी, तोरई, परवल, मेथी, पत्ता गोभी और ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं।
FAQs – बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं
बवासीर में दूध नहीं पीना चाहिए। लेकिन दूध से निर्मित कुछ पदार्थ दही और केफिर का सेवन कर सकते हैं।
हाँ, बवासीर में दही खा सकते हैं। दही में कुछ ऐसे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो पाचन में तंदुरस्त करते है और मल त्याग प्रक्रिया को आसान बनाते है।
नहीं, बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को गर्म दूध पिलाने से कब्ज की समस्या हो सकती है।
हाँ, दूध की चाय कब्ज को बढ़ा सकती है जिससे बवासीर की समस्या और बढ़ सकती है
निष्कर्ष
बवासीर में दूध पीना चाहिए या नहीं, इसका निर्णय स्वयं न करने बल्कि अपने डॉक्टर की सलाह लेकर सेवन कर सकते हैं। अगर आप बवासीर के मरीज हैं, तो आपको दूध नहीं पीना चाहिए दूध पीने के बाद कब्ज की समस्या हो सकती है। जिससे बवासीर के मरीजों को मल त्याग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
अगर यहाँ पर दी गई गई जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ Facebook, Twitter, Whatsapp जैसे सोशल मीडिया पर जरूर करें।
नोट – इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए इस पर अमल करने से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।
इन्हें भी पढ़ें–