भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी है | Bharat Ki Rashtrabhasha Kaun Si Hai

क्या आप जानते हैं कि भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी है (Bharat Ki Rashtrabhasha Kaun Si Hai). किसी भी देश की संस्कृति में भाषा का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भाषा का इस्तेमाल लिखनें, पढ़नें,वार्तालाप करने और देश की संस्कृति बढ़ाने में किया जाता है। राष्ट्रभाषा एक ऐसी भाषा होती है जिसका इस्तेमाल देश राजकीय कार्यों में किया जाता है।

भारत में ज्यादातर लोग हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा मानते हैं क्योकि भारत में सबसे ज्यादा हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि हिंदी भाषा भारत की राष्ट्रभाषा नही है। तो चलिए आगे जानते हैं कि भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी है है और कौन सी होनी चाहिए।

भारत की राष्ट्रभाषा क्या है – Bharat Ki Rashtrabhasha kya Hai

bharat ki rashtrabhasha kaun si hai

भारत के संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है। इसका यह मतलब है कि अभी तक भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है। जहाँ तक सवाल है हिंदी भाषा का तो अनुच्छेद 343 के अंतर्गत हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया है, जिसका इस्तेमाल राजकीय कार्यों में प्रयोग किया जाता है।

हालाकि केंद्र सरकार ने 22 भाषाओं को अधिकारिक भाषा के रूप में शामिल किया है। सरकार इन 22 भाषाओं में से किसी को भी भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में चुन सकती है। केंद्र सरकार अपने काम काज को करने के लिए हिंदी और अंग्रेजी का इस्तेमाल करती है। जबकि राज्य सरकार राजकीय कार्यों में क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल करती है जैसे गुजराती, मराठी, कन्नड़, पंजाबी आदि।

भारतीय संविधान में सम्मिलित भाषा की सूची

भारतीय संविधान निर्माण के समय 14 भाषाओं को राजकीय काम करने में शामिल किया गया था। लेकिन सन 1967 में देश के अलग-अलग राज्यों की क्षेत्रीय भाषा को शामिल किया गया था। इस प्रकार अब भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को शामिल किया गया है।

क्रमांक भाषाओं के नाम
1 हिन्दी भाषा
2 असमिया भाषा
3 ओड़िया भाषा
4 डोगरी भाषा
5 उर्दू भाषा
6 कश्मीरी भाषा
7 गुजराती भाषा
8 तमिल भाषा
9 मणिपुरी भाषा
10 संस्कृत भाषा
11 सिन्धी भाषा
12 कन्नड़ भाषा
13 कोंकणी भाषा
14 बंगाली भाषा
15 पंजाबी भाषा
16 बोड़ो भाषा
17 नेपाली भाषा
18 मराठी भाषा
19 मलयालम भाषा
20 मैथिली भाषा
21 संथाली भाषा
22 तेलुगू भाषा

भारत की राष्ट्रभाषा क्या होनी चाहिए

जब भारतीय संविधान का गठन हो रहा था तब यह सवाल उठा था कि भारत की राष्ट्रभाषा क्या होनी चहिये। तब डॉक्टर अंबेडकर ने संस्कृत भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा बनाने का प्रस्ताव रखा। परन्तु विधानसभा में इसका जमकर इसका विरोध किया गया जिस कारण संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया।

इसके बाद संविधान सभा में बहुत लोग चाहते थे कि हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनाया जाए, लेकिन भारत के गैर हिंदी क्षेत्र में रहने वाले लोगो ने इसका विरोध किया गया। इस कारण अभी तक किसी भी भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में दर्जा नहीं मिला। क्योंकि अलग अलग राज्यों के लोग अपनी क्षेत्रीय भाषा का ही इस्तेमाल करना चाहते हैं इसलिए हिंदी क्षेत्र के लोगो चाहते हैं कि हिंदी भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा बनाया जाए, दक्षिण भारत के लोग चाहते हैं कि तमिल को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले। इसी प्रकार से हर क्षेत्र में रहने वाले लोगो की यही राय है कि उनकी क्षेत्रीय भाषा को  भारत की राष्ट्रभाषा बनाया जाए।

अगर किसी भाषा को क्षेत्रीय भाषा बनाना है तो उसका इस्तेमाल पूरे भारत में होना चाहिए। और वह भाषा देश के हर नागरिक को बोलनी आनी चाहिए तभी कि भाषा को भारत की राष्ट्रभाषा बनाया जा सकता है। खैर देश की आजादी को 70 साल से अधिक हो गए, लेकिन अभी तक कोई भी सरकार भारत की राष्ट्रभाषा का नाम नहीं घोषित कर पाई।

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी है (Bharat Ki Rashtrabhasha Kaun Si Hai) जरुर पसंद आई होगी। अब आप समझ चुके होंगे कि अभी तक भारत में किसी भी भाषा को भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला। हिंदी भाषा भाषा को राष्ट्रभाषा की राष्ट्रभाषा बन सकते है लेकिन सबसे पहले इसे देश के हर स्कूल में पढ़ाना चाहिए, सभी लोगो को हिंदी बोलना, लिखना, समझना आना चाहिए तभी हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा बन सकती है। आपका के अनुसार भारत की राष्ट्रभाषा क्या होनी चाहिए कमेंट कर जरुर बतायें।

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