पुराना से पुराना बुखार का इलाज | Bukhar Ke Gharelu Upay

पुराना से पुराना बुखार का इलाज – बदलते मौसम में बुखार आना आम बात है। कभी-कभी बारिश के बाद चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और बुखार आ जाता है। बुखार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में कमजोरी आ जाती है। और कई दिनों तक बुखार होने से वजन गिरना, सिरदर्द, सुस्ती और अन्य कई बीमारियां घेरने लगती हैं।

बुखार के दौरान इलाज और सही खान पान पर ध्यान देना चाहिए, इससे व्यक्ति को ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। बुखार को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी किये जा सकते है। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि बुखार क्या है, इसके कारण, लक्षण और पुराना से पुराना बुखार का इलाज क्या है।

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बुखार क्या है – What is Fever in Hindi

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बुखार एक आम बीमारी है जिससे कोई भी व्यक्ति पीड़ित हो सकता है। कई बार मौसम परिवर्तन, ज्यादा थकान या फिर संक्रमण के कारण व्यक्ति को बुखार आ जाता है। बुखार आने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है। आमतौर पर स्वस्थ मनुष्य के शरीर का तापमान लगभग 98.6° F (37°C) होता है। हालाँकि हर व्यक्ति के शरीर का तापमान थोड़ा भिन्न भी हो सकता है।

जब शरीर का तापमान 99° F (37.5 °C) से अधिक है तो उसे बुखार हैं। वहीं जब शरीर का तापमान 104° F से 106° F  पहुंच जाता है तो वह तेज बुखार कहलाता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बुखार आने के कारण – Causes of Fever in Hindi

बुखार आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे –

  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण।
  • ठण्डी और गरम चीजों का एक साथ सेवन करने से।
  • अचानक मौसम में परिवर्तन होने से।
  • टीकाकरण लगने से।
  • गठिया रोग के कारण।
  • अल्सर और आंतों में सूजन से।
  • कोरोना वायरस के कारण।

बुखार आने के लक्षण – Symptoms of Fever in Hindi

बुखार आने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है साथ ही कई अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे

  • अधिक ठण्ड लगना।
  • शरीर सुस्त और कमजोर होना।
  • सिर में दर्द होना।
  • आंखों में जलन होना।
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
  • शरीर का तापमान 98 डिग्री 98 डिग्री फारेनहाइट से अधिक होना।
  • शरीर में दर्द होना।

बुखार उतारने के घरेलू उपाय – Bukhar Utarne Ka Gharelu Upay

जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव होते है जिसके कारण हमारे शरीर का इम्युनिटी कमजोर पड़ जाती है और हम बीमार पर जाते हैं। वायरल फीवर से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय किये जा सकते हैं।

1.) बुखार उतारने के घरेलू उपाय में ठंडे पानी की पट्टी

बुखार को उतारने के लिए पानी से भिगोकर पट्टी रखें। इसके लिए एक साफ़ कपड़े को ठंडे में भिगोकर थोड़ा सा निचोड़ लें और अपने माथे पर रखें। कुछ मिनट बाद जब कपड़ा सूख जाए तो दुबारा कपड़े को गीला करके रखे। इसके अलावा गीले कपड़े से चेहरे, गर्दन, हाथ और पैर का पोछा कर सकते हैं। ध्यान रहे कि ज्यादा ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें।

2.) पुराना से पुराना बुखार का इलाज है तुलसी

तुलसी एक आयुर्वेदिक पौधा है जिसका इस्तेमाल बुखार को कम करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए एक कप पानी में 15-20 तुलसी की पात्तियाँ, आधा चम्मच पिसा हुआ अदरक डालकर 10 मिनट के लिए उबाले। अब इस मिश्रण में आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
(और पढ़ें – तुलसी के फायदे)

3.) बुखार उतारने के घरेलू उपचार है सेब का सिरका

बुखार उतारने के घरेलू उपाय में सेब के सिरके का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए 1 गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पी सकते हैं। इसके अलावा 1:2 क्रमशः अनुपात में सेब के सिरके और ठंडे पानी को मिला लें। अब एक साफ़ कपड़े को इस मिश्रण में भिगोकर निचोड़ लें। इसके बाद कपड़े को माथे और पेट पर रखें। इस प्रक्रिया से बुखार कम हो जाएगा।
(और पढ़ें – सेब का सिरका पीने के फायदे)

4.) पुराना से पुराना बुखार का इलाज है लहसुन

लहसुन में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण बुखार को भगाने में मदद करते हैं। पुराना से पुराना बुखार का इलाज करने के लिए लहसुन की एक कली कोई बारीक काटकर एक कप गर्म पानी में 10 मिनट के लिए डाल दें। इसके बाद पानी को छानकर पी पियें। आप इस प्रकिया को दिन में दो बार कर सकते हैं।
(और पढ़ें – लहसुन के फायदे)

5.) बुखार कम करने के घरेलू उपाय में हल्दी का प्रयोग

हल्दी में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद हैं जो बुखार को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर रात में सोने से पहले पी सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो इस मिश्रण एक चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर भी पी सकते हैं।

6.) पुराना से पुराना बुखार का इलाज है मुलेठी

बुखार की समस्या से छुटकारा दिलाने में मुलेठी लाभकारी साबित हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में पानी डालकर गर्म करें। अब इसमें मुलेठी, लौंग, तुलसी की पत्तियाँ, काली मिर्च और अदरक डाल दें। लगभग 2 मिनट बाद इसमें गुड़ डालें और 20 मिनट तक पकने दें। अब इस काढ़े को छानकर गर्मागर्म पियें।

7.) बुखार दूर करने के घरेलू नुस्खे में करें पुदीने की पत्तियों का प्रयोग

पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल पुराना से पुराना बुखार का इलाज में किया जा सकता है। इसके लिए एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पुदीने की पत्तियों को पीसकर डाल दें और इसे 10 मिनट तक पकाएं। इसके बाद मिश्रण को छानकर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर पियें।

8.) पुराना से पुराना बुखार का इलाज है दालचीनी

दालचीनी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में काम करता है जो वायरल बुखार से छुटकारा दिलाने में असरदार होता है। इसके लिए एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद और दालचीनी पावडर मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़ें –दालचीनी खाने के फायदे

9.) बुखार से बचने का तरीका है किशमिश

किशमिश में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो संक्रमण से लड़ने और बुखार को उतारने में मदद करता है। इसके लिए 20-25 किशमिश को आधा कप पानी में भिगोकर 2 घंटे के लिए रख दें। इसके बाद किशमिश को पानी में पीस दे। अब इसे मिश्रण को छान लें और इसमें आधा नींबू का रस मिलाये। आप इस मिश्रण को दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।
(और पढ़ें –किशमिश खाने के फायदे

10.) बुखार की आयुर्वेदिक औषधि दवा है चंदन

चंदन में शीतलता होती है जिसका इस्तेमाल पुराना से पुराना बुखार का इलाज में किया जा सकता है। इसके लिए आधा चम्मच चंदन पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को माथे पर लगाएं इससे बुखार के कारण होने वाले सिरदर्द को दूर करने में मदद मिलेगी।

बुखार से सम्बंधित पश्र-उत्तर

वायरल बुखार कितने दिन रहता है?

वायरल बुखार आमतौर पर 3 से 5 दिनों तक रहता है।

वायरल बुखार के लक्षण क्या है?

वायरल बुखार के लक्षण कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं जैसे सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, शरीर का तापमान बढ़ना, ठण्ड लगना।

बुखार में क्या खाना चाहिए?

बुखार में आप इन आहार का सेवन कर सकते हैं जैसे – दलिया, मूंग दाल की खिचड़ी, हरी सब्जियां, नारियल पानी आदि।

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट पुराना से पुराना बुखार का इलाज (Bukhar Ke Gharelu Upay) जरुर पसंद आया होगा। इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए इस पर अमल करने से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।

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