पित्त का रामबाण इलाज – आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल को अपनाते हैं जिसका असर हमारे शरीर पर पड़ता है। हमारा शरीर त्रिदोष से मिलकर बना है वात, पित्त और कफ। जब तक ये तीनों दोष संतुलित रहते हैं, तबतक हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं।
लेकिन कभी-कभी यह तीनों दोष असंतुलित अवस्था में हो जाते हैं जिसकी वजह से हमारा शरीर कमजोर और बीमार पड़ जाते हैं। आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे पित्त दोष क्या है, असंतुलित पित्त के लक्षण, पित्त का रामबाण इलाज और घरेलू उपाय कौन-कौन से हैं।
पित्त दोष क्या है – What is Pitt Dosh in Hindi
पित्त दोष मुख्य रूप से दो तत्वों अग्नि और जल से मिलकर बना होता है। पित्त दोष हमारे शरीर के कई जरूरी कामों को नियंत्रित करता है जैसे पाचनक्रिया को नियंत्रित करना, शरीर का तापमान नियंत्रित रखना, त्वचा की रंगत, बुद्धि और भावनाओं को प्रेरित करना।
पित्त दोष का असंतुलित होना हमारे शरीर के लिए शुभ संकेत नहीं है इसके कारण शरीर को कई बीमारियाँ घेरने लगती है जैसे भोजन का ठीक से न पचना, ह्रदय और फेफड़ों में कफ इकठ्ठा होना आदि।
पित्त दोष का संतुलन बिगड़ने से पाचक अग्नि कमजोर होने लगती है। जिसकी वजह से भोजन ठीक से पचता नहीं है और कब्ज़, अपच, एसिडिटी जैसे पेट से जुड़ी समस्यायें होने लगती है। इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए शरीर में पित्त का संतुलन में होना बहुत आवश्यक है।
पित्त का रामबाण इलाज – Pitta Ka Gharelu Upay
आयुर्वेद के अनुसार, हमारा शरीर 5 तत्वों से मिलकर बना होता है। जिनमे से ये तीन तत्व वात-पित्त और कफ है। अगर इनमें से तत्व संतुलन बिगड़ता है तो शरीर को बीमारियाँ घेरने लगती है।
अगर आपके शरीर में पित्त का संतुलन बिगड़ गया है तो कुछ घरेलू उपायों से पित्त को फिर से संतुलित किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि पित्त का रामबाण इलाज और घरेलू उपाय कैसे कर सकते हैं।
(1) पित्त का रामबाण इलाज है नारियल पानी
पित्त को संतुलित करने के लिए नारियल पानी पीना बहुत लाभदायक होता है। जब पित्त असंतुलित होता है, तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है ऐसे में शरीर को ठंडक देने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
नारियल पानी पानी पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और पित्त दोष नियंत्रित रहता है।
(2) पित्त का घरेलू इलाज में पूरी नींद लें
असंतुलित पित्त को संतुलित रखने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी होता है। शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए हर व्यक्ति को रोजाना 6-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
रोजाना पर्याप्त नींद लेने से स्ट्रेस या तनाव कम होता है और पित्त संतुलन बना रहता है।
(और पढ़े – नींद आने का रामबाण उपाय)
(3) पित्त का रामबाण इलाज है तरबूज
पित्त का रामबाण इलाज करने के लिए तरबूज का इस्तेमाल किया जा सकता है। तरबूज एंटी ऑक्सीडेंट्स का एक अच्छा स्रोत है साथ ही इसमें 90% पानी की मात्रा रहती है।
तरबूज का सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है जिस वजह से पित्त दोष नियंत्रित रहता है। तरबूज को आप सीधे काटकर या फिर इसका जूस बनाकर सेवन कर सकते हैं।
(4) पित्त को ठीक करें योग से
योग और प्राणायाम करने से भी पित्त को संतुलित किया जा सकता है। शरीर को ठंडक देने वाले शीतली प्राणायाम जैसे कई योगासन होते हैं जिसका अभ्यास करने से पित्त का संतुलन बना रहता है।
(5) पित्त का रामबाण इलाज है नींबू
गर्मियों में अक्सर लोग नींबू पीते हैं क्योंकि इससे शरीर को ठंडक मिलती है। असंतुलित पित्त को संतुलित करने के लिए नीबू पानी पीना बहुत लाभकारी माना जाता है।
नींबू में पाचन को बेहतर करने के गुण मौजूद होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करके हार्ट अटैक के जोखिम खतरे को दूर करता है।
(और पढ़े – नींबू के फायदे)
(6) पित्त का घरेलू उपाय है छाछ
पित्त दोष को शांत कने के लिए छाछ पीना लाभदायक होता है। छाछ की तासीर ठंडी है और यह पाचनक्रिया को बेहतर बनाती है। छाछ में आप थोडा सा साधारण नमक मिलाकर पी सकते हैं।
(7) पित्त को शांत करे घी से
घी की तासीर ठंडी होती है जिसका सेवन करने से शरीर और दिमाग दोनों को ठंडक मिलती है। पित्त दोष को शांत करने के लिए घी का सेवन भोजन से पहले या शुरुआती समय में कर सकते हैं।
घी का सेवन के बाद ध्यान रखे कि कुछ भी ठंडा चीजों का सेवन न करें जैसे जैसे-आइसक्रीम या ठंडा पानी।
(8) पित्त का रामबाण इलाज है पुदीना
पुदीना के अंदर ठंडक देने का प्राकृतिक गुण मौजूद होता है जो पित्त दोष को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा पुदीने का इस्तेमाल करने से साँस की समस्या, मितली, सिरदर्द और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या भी दूर होती है।
पित्त का रामबाण इलाज करने के लिए पुदीने की चटनी या ताजा फलों के जूस में पुदीना मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
(9) पित्त के लिए घरेलू उपाय है नीम की पत्तियाँ
नीम की पत्तियों में भी ठंडक देने वाले गुण मौजूद होते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल पित्त दोष को संतुलित बनाने के लिए किया जा सकता है।
इसके अलावा नीम की पत्तियां लीवर को स्वस्थ और रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
(10) पित्त का घरेलू इलाज है मूँग दाल
पित्त दोष को संतुलित करने के लिए मूंग दाल को अंकुरित करके या फिर पकाकर खाया जा सकता है। मूंग दाल डाल का सेवन करने से शरीर में ठंडक बनी रहती है साथ ही पित्त दोष नियंत्रित रहता है।
पित्त के प्रकार – Types of Pitta Dosha In Hindi
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमारे शरीर पित्त का सन्तुलित रहना बहुत आवश्यक होता है। जब शरीर में पित्त संतुलन बिगड़ता है, तो व्यक्ति को पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा भी अन्य यह कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है।
ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर में जितनी भी बिमारियां होती है उनमे से कम से कम 40 बीमारियां केवल पित्त दोष की के कारण होती है। आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष के मुख्य रूप से पाँच प्रकार के होते हैं।
- पाचक पित्त
- रज्जक पित्त
- साधक पित्त
- आलोचक पित्त
- भ्राजक पित्त
पित्त के लक्षण – Symptoms of Pitta Dosha in Hindi
शरीर में पित्त दोष बढ़ने के कारण कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं। आप नीचे दिए गए लक्षणों को जानकर पित्त का रामबाण इलाज कर सकते है।
- अत्यधिक थकान होना।
- अंगों से दुर्गंध आना।
- माइग्रेन या आधे सिर में दर्द होना।
- त्वचा, नाखूनों और आंखों में पीलापन होना।
- जी मिचलाना और चक्कर आना।
- मुंह का स्वाद बिगड़ना।
- बहुत अधिक गुस्सा आना।
पित्त बढ़ने के कारण – Causes of Pitta Dosha In Hindi
हम जो कुछ भी डेली लाइफ में खाते हैं, उसका सीधा असर हमारे स्वास्थ पर पड़ता है। इसलिए अगर हमारा शरीर बीमार पड़ता है या कुछ समस्याएं होती है तो हमें अपने खानपान में जरूरी बदलाव करना चाहिए।
अगर आपके शरीर में पित्त का संतुलन बिगड़ गया है तो यह जानना बहुत आवश्यक होता है कि आखिर किन कारणों से पित्त बढ़ रहा है। तो चलिए जानते हैं कि पित्त दोष के बढ़ने मुख्य कारण क्या-क्या होते हैं हैं।
- अत्यधिक चटपटा, नमकीन, मसालेदार और तीखे पदार्थों का अधिक सेवन करने से।
- अत्यधिक तनाव और गुस्से में रहने से।
- अधिक मात्रा में धूम्रपान और शराब पीने से।
- सही समय पर खाना ना खाने से।
- गर्म तासीर की चीजों का सेवन करने से।
पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान – Gallbladder Removal Side Effects in Hindi
जब हम भोजन करते हैं तोपित्ताशय या गोल ब्लैडर पाचन तंत्र में पित्त भेजने का काम करता है, जिससे हमारा खाना आसानी से पच जाता है। लेकिन जब गोल ब्लैडर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो जाती है तो थरी बनने लगती हैं। जिसके कारण त्ताश्य में सूजन और अन्य कई गंभीर बीमारियां होने लगती हैं। इस अवस्था में पित्त की थैली (गोल ब्लैडर) निकालनी पड़ती है।
तो चलिए जानते हैं कि पित्त की थैली निकालने के बाद क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं –
(1) पेट दर्द
पित्त की थैली निकालने के बाद पेट दर्द की समस्या कुछ दिनों के लिए हो सकती है। कई बार खाना खाने के तुरंत बाद पेट दर्द की समस्या अधिक हो सकती है।
दरअसल सर्जरी के बाद फैट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पचाने में कठिनाई होती है इसलिए हल्का भोजन करने का प्रयास करना चाहिए जिसको पचाने के लिए पेट को ज्यादा मेहनत न करनी पड़े।
(2) कब्ज की समस्या
पित्त की थैली निकालने के बाद कब्ज की समस्या की समस्या हो सकती है। दरअसल सर्जरी के बाद पेट मेटाबोलिज्म प्रोसेस धीमा पड़ जाता है और ठीक तरह से भोजन नहीं पचता जिसके कारण कब्ज की समस्या की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा सर्जरी के बाद लोग दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं जिनमे से कुछ लोगो को कब्ज की समस्या हो सकती है।
(3) दस्त
पित्त की थैली निकालने के बाद कई लोगो का पेट खराब रहता है और उन्हें बीच-बीच में दस्त की समस्या होने लगती है।
दरअसल, सर्जरी के बाद जब गोल ब्लैडर निकाल दिया जाता है तो शरीर में बाइल जूस नियंत्रित नही रहता जिसके वजह से कई लोगों में सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक दस्त की समस्या हो सकती हैं।
पित्त की थैली का ऑपरेशन का खर्च
आमतौर पर पित्त की थैली का ऑपरेशन का 45,000 रुपए से लेकर 90,000 रुपए तक आता है। लेकिन यह खर्च विभिन्न शहरों और विभिन्न अस्पतालों में पित्ताशय की सर्जरी की लागत के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
पित्त की थैली का ऑपरेशन करने के लिए विभिन्न विधियां इस्तेमाल की जाती हैं। जैसे पूरे गॉलब्लैडर को बाहर निकालने के लिए ओपन गॉलब्लैडर सर्जरी की जाती है जिसमे पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में पेट के अलग-अलग हिस्सों में छोटे-छोटे चीरा लगाया जाता है। इसके बाद सर्जिकल उपकरणों की सहायता से पित्त की थैली को बाहर निकाला जाता है।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के ऑपरेशन का खर्च ओपन सर्जरी की तुलना में कम आता है साथ ही इसमें कम जटिलता और रोगी को कम अस्पताल में रहना पड़ता है।
FAQs – पित्त का रामबाण इलाज
पित्त का रामबाण इलाज करने के लिए आप खाने में हरी सब्जियां, खीरा, शिमला मिर्च, अंकुरित दाल, बींस और लौकी को शामिल कर सकते हैं।
पित्त के रोगियों को खाने में कुछ चीजों का परहेज करना चाहिये जैसे लाल मिर्च, काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता, अखरोट और तला-भुना चीजें।
पित्त के रोगियों को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है जैसे सेब, अंजीर, अंगूर, आम, खरबूज़ा, संतरे, अमरूद, गोभी, खीरा, शिमला मिर्च, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां,जौ, ओट्स, आदि।
शरीर में पित्त बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं जिनमे से अधिक तीखा, खट्टा, अधिक मसालेदार, नमकीन, तला-भुना, प्रोसेस्ड फूड और कैफीन युक्त चीजों का सेवन शरीर में पित्त दोष बढ़ने लगता है।
पित्त बढ़ने से शरीर में शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती है जैसे मुंह में छाले होना, चक्कर आना, अत्यधिक थकान होना, अधिक गुस्सा आना जैसी परेशानियाँ होने लगती है।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट पित्त का रामबाण इलाज जरूर पसंद आया होगा। इस पोस्ट में हमने बताया कि पित्त दोष क्या है और पित्त का रामबाण इलाज कैसे कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके मन में इस पोस्ट से जुड़े कोई सवाल या सुझाव है तो उसका जवाब पाने के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए इस पर अमल करने से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।
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