ROM क्या है (What is ROM in Hindi),जब भी आप कंप्यूटर या मोबाइल खरीदते है तो ROM शब्द जरुर सुनने में आता है कि कंप्यूटर में ROM कितना GB है, कितना GB ROM का कंप्यूटर या मोबाइल लेना चाहिए. आज इस पोस्ट में जानेंगे की ROM क्या है और हमे ज्यादा ROM वाला कंप्यूटर या मोबाइल क्यों लेना चाहिए.
ROM क्या है (What is ROM in Hindi)
कंप्यूटर में दो प्रकार की मेमोरी होती है, प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी. अब प्राइमरी मेमोरी को दो भागो में बाटा गया है RAM (Random Access Memory) और ROM (Read Only Memory). ROM कंप्यूटर की वो मेमोरी है जिसे हम केवल Read कर सकते है, इसमें Fixed प्रोग्राम मौजूद रहता है जिसके Change नहीं किया जा सकता है.
जब आप कोई कंप्यूटर खरीदते है तो उसमे BIOS प्रोग्राम पहले से ही स्टोर रहता है जिससे कंप्यूटर चालू और बंद होता है और इसी BIOS प्रोग्राम से ऑपरेटिंग सिस्टम भी जुड़ा रहता है. BIOS प्रोग्राम जिस मेमोरी पर पहले से स्टोर रहता है उस मेमोरी का नाम है ROM उदाहरण के लिए FIRMWARE Software Program है.
FIRMWARE Software Program हार्डवेयर से जुड़ा रहता है और ROM Chip में स्टोर रहता है जिसे Non Volatile Memory भी कहा जाता है. इस मेमोरी को कंप्यूटर बनने के दौरान ही बनाया जाता है. ROM इस्तेमाल कंप्यूटर, मोबाइल के आलावा भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है जैसे – टेलीविजन, वाशिंग मशीन, माइक्रो वेव, लिफ्ट इत्यादि.
ROM के प्रकार- Types of ROM in Hindi
ROM को चार भागो में बाटा गया है- MROM, PROM, EPROM, EEPROM.
1. MROM (Masked Read Only Memory)
MROM सबसे पहला रोम है जिसका इस्तेमाल पहले बहुत होता था लेकिन अब इसका कोई इस्तेमाल नहीं करता. यह Read Only Memory Hard Wired Devices है जिसमे सुरुआत में ही Pre-Programmed डाटा और Instruction Store किया जाता है. उस समय पर इस मेमोरी की कीमत बहुत ज्यादा थी लेकिन अब इसका इस्तेमाल कही देखने को नहीं मिलता.
2.PROM (Programmable Read Only Memory)
यह एक ऐसा मेमोरी है जिसे हम केवल एक बार ही बदल सकते है यानि की दोबारा इस मेमोरी में कोई Program और Instruction अपडेट नहीं कर सकते. यूजर Blank PROM खरीदता है फिर उसमे Instruction अपलोड कर देता है. Instruction ऐसे Command होते है जो किसी काम को पूरा करते है और इस मेमोरी में कई सारे छोटे- छोटे फ्यूज लगे होते है जिसमे Programming कर Instruction अपलोड किया जाता है. एक बार Programmed होने के बाद दोबारा Erase नहीं किया जा सकता है.
3.EPROM (Erasable and Programmable Read Only Memory)
इस मेमोरी की यह खास बात है की इसमें हम कुछ भी Erase कर सकते है और दोबारा Programmed कर सकते है. इस मेमोरी को Erase करने में लगभग 40 मिनिट तक का समय लग जाता है जो EPROM Eraser की मदद से होता है. Programming करते समय इस मेमोरी के अन्दर Charge डाला जाता है जिसकी अवधि 10 वर्ष से अधिक तक की होती है और इसकी वजह है की Charge को बहार निकलने का कोई रास्ता ना होना. इस Charge (Instruction) को Erase करने के लिए Ultra Violet Radiation को Quartz Crystal Window (lid) के द्वारा पास किया जाता है और इस Light के प्रभाव से सभी Charge Erase हो जाता है.
4.EEPROM (Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory)
नयी नयी टेक्नोलॉजी आने के साथ ही ROM में भी बहुत सारे बदलाव किये गए जिससे एक मेमोरी को 10 हजार बार Erase कर दोबारा Programmed कर सकते है. इस मेमोरी में हम Location सेलेक्ट कर Erase कर सकते है और उसी में Programmed कर सकते है इस कारण इस मेमोरी का इस्तेमाल करना काफी आसान हो जाता है.
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रोम की विशेषता Characteristic of ROM in Hindi
रोम को नॉन वोलेटाइल मेमोरी कहा कहा जाता है क्योंकि कंप्यूटर बंद होने के बाद भी इसमें डाटा स्टोर रहता हैं. रोम में स्टोर डाटा को परिवर्तित या बदला नहीं जा सकता है क्योंकि रोम में कोई भी डाटा यूजर द्वारा नहीं स्टोर किया जाता. कंप्यूटर में जब कोई प्रोग्राम इंस्टॉल किए जाते हैं जैसे Software, Games, Apps वो सीधे रोम में स्टोर हो जाता है जिन्हें फिर कभी बदलना संभव नहीं है या फिर बदलने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेर की जरुरत पढ़ती है, जिसमे डाटा परिवर्तित में बहुत कठिनाई होती है.
ROM, RAM की तुलना में बहुत सस्ते होते हैं और इसको चलाने में कम उर्जा की खपत होती है.ROM का आकार चिप के जैसे होता है जो motherboard और CPU से जुडी रहती है. ROM कंप्यूटर का प्रमुख्य अंग होता जो जो कंप्यूटर को स्टार्ट करने में भी मदद करता हैं.
रोम के लाभ – Advantages of ROM in Hindi
- ROM में स्टोर डाटा अपने आप नहीं बदलते बल्कि बदलने से ही डाटा बदलता है.
- ROM, RAM के मुकाबले सस्ता होता है.
- यह स्थिर डाटा है जिसे बार बार Refresh करने की जरुरत नहीं पडती.
- इसमें डाटा बहुत समझदारी के साथ डालते है क्योंकि बाद में नहीं बदला जा सकता.
- यह RAM से अधिक भरोशेमंद है क्योंकि RAM में डाटा तब तक रहता है जब तक पॉवर चालू रहता है.
- यह Non-Volatile प्रकृति का है जिससे प्रोग्राम स्थाई रूप में बना रहता है.
दोस्तों, मुझे उम्मीद है आपको ROM क्या है (What is ROM in Hindi) और कितने प्रकार के होते है समझ में आ गया होगा. यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते है तो निचे Comment Box में जरुर लिखे और इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करें जिससे और भी क्षात्रो को सहायता मिल सके.
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