कंप्यूटर का अविष्कार 16 सताब्दी में हुआ था. आज के समय में कंप्यूटर में तेजी से बदलाव देखने को मिला है, हर पीढ़ी के बाद कंप्यूटर में अलग अलग प्रकार के कार्यप्रणाली और कार्यशीलता में बहुत बदलाव हुआ है, वर्तमान समय के कंप्यूटर बहुत तेज और विकशित है.
आज हम कंप्यूटर की पीढियां (Generation of Computer in Hindi) के बारे में जानेंगे इसे पाच भागो में बाटा गया है.
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर – First Generation of Computer
पहली पीढ़ी के का कंप्यूटर समय सन 1946 से 1959 तक था।
शुरुआती दौर के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूबों का प्रयोंग किया जाता था जिसके परिणामस्वरुप कंप्यूटर भारी और उनका अकार एक कमरे के आकार जैसा था. इनको चलने में बहुत बिजली खपत होती थी और पूरे कमरे में बहुत ज्यादा गर्मी उत्पन्न होती थी .
पहली पीढी के कंप्यूटर में मशीन लेवल लैंग्वेज का प्रयोग होता था जो एक बेसिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है कंप्यूटर को समझने के लिए. इस भाषा का लिमिट था किसी समस्या का समाधान करने के लिए और इसमें इनपुट करने के लिए पंच कार्ड और पेपर टेप इस्तेमाल होता था तथा आउटपुट प्रिंट आउट द्वारा निकलता था.
प्रथम पीढी की विशेषतायें-
- वैक्यूम ट्यूब टेक्नोलॉजिकल
- अविश्वसनीय होना
- केवल मशीन सपोर्ट लैग्वेiज कारन
- बहुत क़ीमती
- बहुत गर्मी उत्पन्न होना
- स्लो इनपुट और आउटपुट डिवाइस
- विशाल आकार
- एसी की आवश्यकता
- गैर-पोर्टेबल
- बहुत ज्यादा बिजली खपत
प्रथम पीढी के मुख्य कंप्यूटर
- ENIAC
- EDVAC
- UNIVAC
- IBM-701
- IBM-650
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दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर – Second Generation of Computer
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का समय सन 1959 से 1965 तक था।
दूसरी पीढी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाने लगा जो वैक्यूम ट्यूबों के मुकाबले सस्ते, आकार में छोटे और कम बिजली खपत करते थे. ट्रांजिस्टर के प्रयोग से कंप्यूटर तेज और अधिक विश्वस्नीय हो गए थे.
इस पीढी के कंप्यूटर में प्राइमरी मेमोरी की जगह मेग्नटिक कोर और सेकेंडरी मेमोरी की जगह मेग्नटिक टेप तथा मेग्नटिक डिस्क का प्रयोग किया जाने लगा.
इस पीढी के कंप्यूटर में FORTRAN, COBOL जैसी असेंबली लैग्वेऔज और हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैग्वेटज का प्रयोग किया जाने लगा और कंप्यूटर में बैच प्रोसेसिंग और मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम लगाया गया जिससे कंप्यूटर की स्पीड तेज हो.
द्वतीय पीढी की विशेषतायें-
- ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल
- प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में अधिक विश्वसनीय
- प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में छोटा आकार
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम गर्मी उत्पन्न
- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में कम बिजली की लागत
- पहले पीढ़ी के कंप्यूटर्स की तुलना में तेज चलना
- बहुत खर्चीजे
- एसी की जरुरत
- मशीन और असेंबली प्रोग्रामिंग लैग्वेेज सपोर्ट
द्वतीय पीढी के मुख्य कंप्यूटर
- IBM 1620
- IBM 7094
- CDC 1604
- CDC 3600
- UNIVAC 1108
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर – Third Generation of Computer
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का समय सन 1965 से 1971 तक था।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांसिटर को हटाकर Integrated Circuits (ICs) का उपयोग किया जाने लगा. IC की खोज जैक कल्बी ने किया था जिसमे एक Integrated Circuits (ICs) कई Resistors, Capacitors और Transistors से मिलकर बना होता है.
इस पीढी के कंप्यूटर आकार में छोटे, विश्वस्नीय और कुशल कार्यरत थे. कंप्यूटर में रिमोट प्रोसेसिंग, टाइम-शेयरिंग, मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता था.
इस पीढी के कंप्यूटर में हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैग्वेiज जैसे FORTRAN-II TO IV, COBOL, PASCAL PL/1, BASIC, ALGOL-68 का प्रोयोग किया गया था. इस पीही में पहली बार यूजर कीबोर्ड और मॉनिटर का उपयोग कर सकता था जिसमे एक साथ कई सारे सॉफ्टवेर को चलने की क्षमता थी.
तृतीय पीढी की विशेषतायें-
- IC का प्रयोग किया
- पिछले दो पीढ़ियों की तुलना में अधिक विश्वसनीय
- आकार में छोटे
- कम गर्मी उत्पन्न
- और ज्यादा तेज चलना
- कम खर्चीले
- एसी आवश्यक
- कम इलेक्ट्रिसिटी की खपत
- हाई लेवल लैग्वेीज को सपोर्ट
तृतीय पीढी के मुख्य कंप्यूटर
- IBM-360 series
- Honeywell-6000 series
- PDP (Personal Data Processor)
- IBM-370/168
- TDC-316
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर – Fourth Generation of Computer
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का समय सन 1971 से 1980 तक था।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में VLSI (Very large-scale integration) सर्किट का इस्तेमाल किया गया था. VLSI सर्किट को लगभग 5000 ट्रांसिटर और दुसरे सर्किट एलिमेंट को जोड़कर बनाया गया जिससे अधिक शक्तिशाली, अधिक विस्वसनीय और कम खर्चीले हुए.
इस पीढी के कंप्यूटर में सभी हाई लेवल लैग्वेिज जैसे C, C++, DBASE इत्यादि का इस्तेमाल किया गया और कंप्यूटर में टाइम शेयरिंग, रियल टाइम नेटवर्क, डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया .
सन 1981 में पहली बार IBM कंपनी ने एक ऐसा कंप्यूटर बनाया था जो घरेलु काम काज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. उसके बाद सन 1984 में Apple कंपनी द्वारा मैकंटॉश को बनाया जिसमे कंप्यूटर का आकार कम और स्पीड ज्यादा हो गयी थी. इस पीढी के समय इन्टरनेट और एडवांस टेक्नोलॉजी का जन्म हुआ जैसे GUI (Graphical User Interface), माउस और अन्य हाथ से पकड़कर चलाने वाले डिवाइसेस की खोज हुई.
चतुर्थ पीढी की विशेषतायें-
- VLSI सर्किट का इस्तेमाल किया
- काफी सस्ते
- पोर्टेबल और अधिक विश्वसनीय
- आकार में बहुत छोटे
- एसी जरुरत नहीं
- इंटरनेट की शुरूआत की गई थी
- नेटवर्क के क्षेत्र में डेवलपमेंट
- कंप्यूटर आसानी से मिलने लगे
चतुर्थ पीढी के मुख्य कंप्यूटर
- DEC 10
- STAR 1000
- PDP 11
- CRAY-1(Super Computer)
- CRAY-X-MP(Super Computer)
पाचवी पीढ़ी के कंप्यूटर – Fifth Generation of Computer
पाचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का समय सन 1980 से अब तक
पाचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में ULSI (Ultra Large Scale Integration) और ऑप्टीकल डिस्क टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाने लगा जिसके परिणामस्वरुप कम जगह में अधिक डाटा स्टोर होने लगा. कंप्यूटर में हाई लेवल लैग्वे ज जैसे C and C++, Java, .Net का इस्तेमाल होने लगा.
यह पीढी पूरी तरह से AI (Artificial Intelligence) पर आधारित है जिसमे साइंटिस्ट निरंतर एडवांस टेक्नोलॉजी की सहायता से दिमाग के साथ कंप्यूटर बनाने का प्रयास जारी है.
पंचम पीढी की विशेषतायें-
- ULSI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
- Artificial Intelligence पर फोकस
- नेचुरल लैग्वेiज प्रोसेसिंग की खोज
- एडवांस पैरेलल प्रोसेसिंग
- सुपरकंडक्टर टेक्नोलॉजी में विकाशील
- मल्टीमीडिया फीचर के साथ अधिक यूजर फ्रेंडली इंटरफेस
- कम कीमतों पर बहुत पॉवरफुल और कॉम्पैक्ट कंप्यूटर की उपलब्धता
पंचम पीढी के मुख्य कंप्यूटर
- Desktop
- Laptop
- NoteBook
- UltraBook
- ChromeBook
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Nice Post.