टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज, सिर्फ 5 मिनट में छूमंतर

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज – टाइफाइड एक खतरनाक बीमारी है जिसके कारण रोगी के शरीर में बुखार कई दिनों तक बना रहता है। आमतौर पर बारिश के महीनों में टाइफाइड होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। क्योंकि बारिश में संक्रमण और बैक्टीरिया फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।

टाइफाइड रोगी के शरीर को धीरे-धीरे कमजोर बना देती है। टाइफाइड के कारण रोगी को बुखार चढ़ता-उतरता रहता है, लेकिन सामान्य स्थित में कभी नहीं रहता। आज के इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेगे कि टाइफाइड क्या है, इसके लक्षण, कारण और टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज और घरेलू उपाय क्या हैं।

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टाइफाइड क्या है – What is Typhoid in Hindi

टाइफाइट एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो दूषित पानी और खाने के द्वारा हमारे शरीर में चला जाता है। टाइफाइड फैलने वाली बीमारी है या एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से आपको भी यह बीमारी हो सकती है।

टाइफाइड को मोतीझिर या मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। टाइफाइड के कारण रोगी के पाचन तंत्र और खून के प्रवाह में साल्मोनेला टाइफी नाम का बैक्टीरिया हो जाता है जिसके कारण रोगी को बुखार के साथ सिर दर्द, छाती में जलन जैसी समस्याएं होने लगती है।

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज – Typhoid Ka Desi Ilaaj

टायफाइड बुखार साल्‍मोनेला टाइफी नामक बैक्‍टीरिया के कारण होता है इसलिए इसका नाम टायफाइड रखा गया है। टाइफाइड का इलाज करने डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयां लेना का सुझाव देते हैं।

लेकिन कुछ घरेलू उपचार अपनाकर भी टाइफाइड टाइफाइड को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

1.) टाइफाइड को कैसे ठीक करें तुसली से

तुलसी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसमे एंटीबायोटिक और जीवाणुरोधी गुण मौजूद होते हैं। टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के लिए तुलसी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके लिए 1 कप पानी में 20 तुलसी के पत्ते और 1 चम्मच पिसी हुई अदरक मिलाकर गर्म करें। इसे तब तक गर्म होने दें जब तक यह मिश्रण आधा न हो जाए। अब इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर दिन में 2 या 3 बार इसका सेवन करें।

इसके अलावा आप 5 से 7 तुलसी के पत्तों से रस और एक चुटकी काली मिर्च को मिलाकर मिश्रण बना लें।  अब इस मिश्रण का सेवन दिन में 2-3 बार करें। इस प्रकिया को कुछ हप्तो तक जारी रख सकते हैं, आपको टाइफाइड की समस्या में आराम मिलने लगेगा।

2.) टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज है केला

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज करने के लिए केले का इस्तेमाल किया जा सकता है। केले में पेक्टिन नाम का घुलनशील फाइबर मौजूद होता है जो आंतों में तरल पदार्थ को अवशोषित करने में मदद करता है।

साथ ही टाइफाइड की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है। 2 कप दही में 2 केलो को मैश कर लें और फिर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार रोजाना खाएं।

3.) टाइफाइड को कैसे दूर करें सेब का सिरका से

सेब का सिरका टाइफाइड की समस्या से निजात दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में आधा चम्मच सेब का सिरका और थोड़ा सा शहद मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। अब इस मिश्रण को खाना खाने से पहले सेवन करें। इसके अलावा टाइफाइड से छुटकारा पाने के लिए सेब के सिरके में अदरक का रस मिलाकर ही पी सकते हैं।

4.) टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज है लहसुन

लहसुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं और टाइफाइड में आराम मिलता है। टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज करने के लिए आप आधा चम्मच पिसी हुई लहसुन, 1 कप दूध और 4 कप पानी को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।

अब इस मिश्रण को गर्म करें और इसे तब तक गर्म होने दें जब तक यह मिश्रण एक चौथाई न हो जाए। इसके बाद इस घोल को दिन में 2-3 बार पिएं।

इसके अलावा घी में 6-7 लहसुन की कली डालकर फ्राई कर लें। अब इसमें सेंधा नमक डालकर इसका सेवन करने से टाइफाइड बुखार दूर हो जाती है।

5.) टाइफाइड से बचने का घरेलू उपाय है लौंग

लौंग में मौजूद जीवाणुरोधी गुण टाइफाइड से पनपने वाले बैक्टीरिया को मारने में सक्षम होते हैं। इसके लिए 8 कप पानी में 5 से 7 लौंग डालकर उबाल लें। इसे तब तक उबलने दें जब पानी आधा न हो जाए।

इसके बाद इसे छानकर, दिन में 2-3 बार पिए इससे टाइफाडइ की समस्या दूर हो जायेगी।

6.) टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज है शहद

शहद में एंटीवायरल, एंटीबैक्टिया और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो टाइफाइड के उपचार में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके लिए गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर पी सकते हैं।

7.) टाइफाइड से बचने के उपाय में खूब पानी पियें

मनुष्य को दिन भर में लगभग 8 से 10 गिलास पानी जरुर पीना चाहिए। शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा होने से समय समय पर शौच और पेशाब आता है, जिससे हमारे शरीर से हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाते है।

इसके अलावा टाइफाइड के घरेलू उपाय में आप फ्रूट जूस, नारियल पानी, सूप आदि तरल पदार्थ पी सकते हैं।

टाइफाइड के लक्षण – Symptoms of Typhoid in Hindi

टाइफाइड होने पर शरीर का तापमान बढ़ने लगता है साथ ही कई अन्य लक्षण भी नजर आते हैं जैसे –

  • बुखार आना।
  • सिर दर्द होना।
  • ठंड लगना।
  • कमजोरी और थकान महसूस करना।
  • भूख कम लगना।
  • आलस्य का अनुभव होना।
  • मांसपेशियों में दर्द होना।

टाइफाइड में क्या परहेज करना चाहिए?

टाइफाइड एक संक्रामक बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगो को अपनी चपेट में ले सकता है। अगर टाइफाइड के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण अन्य दूसरी समस्याएं हो सकती है।

टाइफाइड एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है यानी अगर आपके घर में किसी व्यक्ति को टाइफाइड है तो घर के अन्य सदस्य को होने का खतरा रहता है। इसलिए ऐसी स्थित में ज्यादा सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है।

टाइफाइड एक संक्रामक बीमारी है जो खाने पीने के माध्यम से फैलती है। इसलिए, टाइफाइड में संक्रमण से बचने के लिए कुछ परहेज करने चाहिए। यहां हम आपको टाइफाइड में क्या परहेज करना चाहिए इसके बारे में बता रहे हैं।

टाइफाइड के मरीज को अपने खान-पान का विशेष ध्यान देना पड़ता है। वहीँ कुछ चीजों का खाने में परहेज करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि टाइफाइड में क्या परहेज करना चाहिए?

(1) अत्यधिक मसालेदार भोजन न करें

टाइफाइड के मरीजों को अधिक तीखा और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। इस दौरान आप सभी मसाले जैसे कि मिर्च, सॉस, सिरका आदि से जितना दूरी बनाकर रखेंगे उतनी जल्दी आप इस बीमारी से उभर सकते हैं।

(2) गैस बनाने वाले आहार

अगर आप टाइफ़ाइड के शिकार हो गये हैं तो ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन बिलकुल भी ना करने हैं जिनके खाने से पेट में गैस बनने लगती है। टाइफ़ाइड के कारण शरीर पहले ही कमजोर पड़ जाता है और अगर इस दौरान पेट में गैस बन जाए तो समस्या और भी गंभीर हो सकती है। इसलिए कटहल, अनानास जैसे खाद्य पदार्थ से दूर रहें।

(3) चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ

टाइफाइड से पीड़ित व्यक्तियों को चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए। घी, मक्खन, मलाई, पेस्ट्री, तले हुए आहार, मिठाईयाँ आदि पदार्थो का सेवन बिलकुल भी न करें।

टाइफाइड बुखार होने पर सावधानियां

टाइफाइड बीमारी बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, जो आहार और पानी के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश करती है। जब टाइफाइड बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश करता है, तो यह आपके आंत में बाधा डालता है और शरीर के तापमान को बढ़ा देता है।

टाइफाइड बुखार की अवधि आमतौर पर 1 से 3 हफ्ते के बीच होती है। इस दौरान, व्यक्ति को बुखार, मतली, उल्टी, पेट दर्द, ठंड और थकान की समस्याएं हो सकती हैं। टाइफाइड के इलाज के दौरान व्यक्ति को आराम और पर्याप्त देखभाल की आवश्यकता होती है।

अगर आप टाइफाइड की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरतना चाहिए।

(1) स्वच्छता का ध्यान रखें

टाइफाइड संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। हमेशा हाथ धोएं और साबुन या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। खाने-पीने के बर्तनों को अच्छी तरह से साफ़ रखें और साफ़ सुथरे कपड़े पहने।

(2) साफ़ पानी पिए

टाइफाइड संक्रमण से बचने के लिए हमेशा साफ और पीने योग्य पानी का पिए। अगर संभव हो पानी को उबालकर पिए इससे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है।

(3) काम पर ना जायें

आमतौर पर टाइफाइड होने व्यक्ति पढ़ने या काम करने के लिए जाने लगते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए टाइफाइड होने पर व्यक्ति को घर में आराम करना चाहिए और जब स्वस्थ में सुधार आये तो काम करने के लिए बाहर निकलना चाहिए।

FAQs – टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज क्या है?

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज करने के लिए पुदीना और अदरक का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए?

टाइफाइड में ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए जैसे दलिया, आलू, उबले हुए चावल और अंडे का सेवन कर सकते हैं।

टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए?

टाइफाइड होने पर अत्यधिक चिकनाई और मसालेदार भोजन नहीं खाना चाहिए जैसे मक्खन, घी, पेस्ट्री, तले हुए आहार मिर्च, मिर्च का सॉस, सिरका आदि।

टाइफाइड कितने दिन तक रहता है?

टाइफाइड बुखार आमतौर पर 1 से 3 हफ्ते के बीच रहता है।

टाइफाइड का पता कैसे चलता है?

टाइफाइड बुखार होने पर व्यक्ति को शरीर में दर्द , बुखार, ठंड लगना, सुस्ती, कमजोरी और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज (Typhoid ka gharelu ilaaj) जरुर पसंद आया होगा।

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नोट – इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए इस पर अमल करने से पहले किसी डॉक्टर या विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।

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