अलसी के फायदे और नुकसान | Flax Seeds in Hindi

Flax Seeds in Hindi – आज हर व्यक्ति अपनी स्वाश्य को लेकर बहुत चिंतित है. लेकिन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सही खान पान का होना बहुत आवश्यक है. आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसे आहार के बारे में बताएँगे जिसके अन्दर कई पोषक तत्वों का भण्डारण है. हम बात कर रहे हैं, अलसी (Flax Seeds in Hindi) की जो दिखने में तिल के समान होते है लेकिन इसमें बहुत सारे पोषक तत्त्व पाए जाते है जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते है.

आप अपने आहार में अलसी को शामिल कर सकते है यह शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ साथ कई गंभीर बिमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता हैं.अलसी के अन्य कई फायदे होते हैं और इसका उपयोग कई चीजों में किया जाता है. तो चलिए आगे अलसी के बारे में विस्तारपूर्वक से जानते हैं.

Page Contents

अलसी क्या है – What is Flax seeds in Hindi

flaxseed meaning in hindi
अलसी एक रेशेदार पौधा है जो समशीतोष्ण जगह (जहां सर्दी और गर्मी समान मात्रा में हो) में उपज होता है. अलसी के रेशों का इस्तेमाल डोरी, रस्सी, टांट और मोटे कपड़े बनाने के लिए किया जाता है.

अलसी का बीज कडवा होता है इसलिए इसे सीधे तौर पर खान- पान में इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि इसके बीजों का तेल निकालकर उसका उपयोग किया जाता है.

अलसी का तेल काफी गाढ़ा होता है, इसलिए इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से वार्निश, रंग, साबुन, पेंट बनाने के लिए किया जाता है. अलसी की खेती भारत के अलावा अर्जेंटीना और अमेरिका में की जाती है. अलसी को तीसी के नाम से भी जाना जता है. वहीं अंग्रेजी में इसे Flax Seeds और Linseed कहा जाता है. अलसी को आयुर्वेद औषधि माना जाता है जिसमे प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं

अलसी के प्रकार – Types of Flax Seeds in Hindi

अलसी का उत्पादन भारत के कई राज्यों में किया जाता है मध्यप्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्णाटक, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार आदि राज्यों में अलसी की खेती की जाती है.अलसी के मुख्य दो प्रकार होते हैं. इन दोनों प्रकार की अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ ही पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा पायी जाते है.

  • भूरी अलसी
  • पीली या सुनहरी अलसी

अलसी के बीज खाने का तरीका – How to Eat Flax Seeds in Hindi

खाली पेट अलसी खाने के फायदे जानने से पहले अलसी के बीज खाने का तरीका पता होना बहुत आवश्यक है, तभी इसका फायदा आपको देखने को मिलेगा. अलसी के बीजो का सेवन कई प्रकार से किया जाता है,कच्चा,भूनकर या पाउडर के रूप में.

  • अलसी के बीजो को पीसकर पाउडर बना ले, अब इस पाउडर को दही, दलिया या खाने में मिलाकर सेवन कर सकते हैं.
  • अलसी के बीजो को भुनकर, बारीक पीसकर चूर्ण तैयार कर लें. सुबह-सुबह 1 चम्मच अलसी के पाउडर को हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से शरीर को बहुत लाभ मिलता है.
  • अलसी का सेवन कई प्रकार से किया जा सकता है जैसे – अलसी की रोटी,पराठा, पूरी, ब्रेड,सूप सलाद, इत्यादि.
  • काढ़ा बनाकर अलसी का सेवन किया जा सकता है.
  • मसाले के रूप में अलसी का उपयोग किया जा सकता है.

अलसी के फायदे – Benefits of Flax Seeds in Hindi

अलसी में कैल्सियम, फाइबर, मैंगनीज, आयरन और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. अलसी हमारे स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक होता है. तो चलिए जानते हैं अलसी का उपयोग करने से क्या-क्या फायदे होते हैं.

1. अलसी का बीज फायदेमंद है वात-कफ और पित्त रोगों में

वात पित्त और कफ ऐसे ही रोग हैं जिनका यदि समय पर इलाज करना बहुत जरुरी होता है नहीं तो तो दिन प्रतिदिन ये रोग बढ़ते ही जाते हैं. लोग इन रोगों से छुटकारा पाने के लिए अलग-अलग प्रकार की दवाइयों का सेवन करते है लेकिन उसने कुछ खास फायदा नहीं होता है.

वात-कफ और पित्त को जड़ से ख़त्म करने के लिए अलसी के बीज फायदेमंद है.अलसी में तुलसी की पत्तियां और मिर्च मिलाकर सेवन करने से इन रोगों से छुकरारा मिल सकता है.

2. अलसी के बीज का प्रयोग करें पाचन शक्ति में सुधारने के लिए

गलत खान-पान या समय से न खाने-पीने की बजह से पेट में पाचन क्रिया बिगड़ जाती है जिससे पेट दर्द,कब्ज, दस्त की समस्या होने लगती है. इस प्रकार की समस्या से निपटने के लिए अलसी बहुत कारगर होता है.

अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है जो पेट की पाचन क्रिया सम्बंधित बिमारियों से निजाद दिलाने में मदद करती है. सुबह खाली पेट गुनगुने पाने के साथ अलसी का सेवन करने से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है.
(और पढ़ें – सुबह उठते ही पेट साफ होने के उपाय)

3. अलसी के बीज का उपयोग करें बवासीर रोग में

बवासीर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी को मल त्याग करते समय बहुत ज्यादा दर्द होता. क्योंकि बवासीर में मरीज के गुदा के अंदर और बाहर सूजन और मस्से हो जाते हैं. समय पर इसका इलाज करना बहुत जरुरी होता है नहीं तो बात ऑपरेशन तक पहुंच जाती है.

बवासीर रोगियों के लिए अलसी का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है. अलसी में फाइबर, ओमेगा 3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं, जो बवासीर रोग के ठीक करने में असरदार होते हैं.
(और पढ़ें – खुनी बवासीर का रामबाण इलाज)

4.अलसी असरदार होता है मधुमेह रोग में

मधुमेह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है. महुमेह होने का प्रमुख्य कारण गलत खान पान और गलत जीवनशैली को ही ठहराया जाता है.मधुमेह को सुगर, डायबिटीज भी कहा जाता है. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को किडनी और आँखों में समस्याएं उत्त्पन्न होने लगती है.

डायबिटीज को नियंत्रण करने में अलसी की बीज बहुत लाभकारी माना जाता है. अलसी में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, प्रोटीन और फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करती है.
(और पढ़ें- शुगर को जड़ से खत्म करने के उपाय)

5.कोलेस्ट्रॉल में अलसी के फायदे

कोलेस्ट्रॉल एक गंभीर बीमारी है जो युवा और बुजुर्ग सभी को चौंकन्ना रहने की ज़रूरत है. यह एक ऐसी बीमारी है जो आपको खबर भी नहीं होगी और अचानक से तबियत ख़राब होने लगेगी जिसको संभालना बहुत कठिन हो सकता. समय रहते कोलेस्ट्रॉल को कण्ट्रोल करना बहुत आवश्यक होता है जिससे ऐसी स्थिति को आने से पहले ही कण्ट्रोल कर लिया जाए.

अलसी की बीज का नियमित रूप से सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है.अलसी में फाइबर होता है जो घुलनशील होने के साथ साथ कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकने में मदद करते हैं.
(और पढ़ें – कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण इलाज)

6.मोटापा कम करने में अलसी का उपयोग

भागदौड़ की ज़िंदगी में गलत खान पान और गलत जीवन शैली अपनाने से लोगो का कब वजन बढ़ जाता है उन्हें भी पता नहीं चलता. वर्तमान समय में दुनियाभर के करोड़ों लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं.

मोटापा के गंभीर बीमारी है जिसका इलाज यदि समय पर न किया जाए तो इस अन्य बीमारियाँ जैसे  मधुमेह, ह्रदय रोग, नपुंसकता, अनिद्रा, तनाव हो जाती हैं.मोटापा कम करने के लिए रोजाना अलसी का सेवन कारन है.

अलसी के बीज में ओमेगा -3 फैटी एसिड, फाइबर और लिगनेन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो वजन कम करने में रामबाण के रूप में असर करता है. फाइबर युक्त भोजन करने से आप लंबे समय तक बिना खाए या पेट भरे होने जैसा महसूस कर सकते हैं.जिससे आप अधिक भोजन करने से बच सकते हैं परिणाम स्वरुप आपका वजन कम होने लगता है.
(और पढ़ें – मोटापा कम करने का रामबाण उपाय)

7.अलसी के बीज फायदेमंद है आँखों की समस्या में

आँख शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है ऐसे में यदि आखो पर को समस्या हो जाए तो बहुत चिंता होने लगती है. कई लोग अपनी आँखों के प्रति लापरवाही करते है जिसके परिणाम स्वरुप उनकी आँखे में समस्या होने लगती जैसे कि आँखों में पानी आना, अंको में सूजन आना, आँखों में दर्द होना, आँख लाल होना,आँखों में धुंधला या कम दिखाई देना आदि.

इसके अलावा कई बार लोगो की आँखों में गंभीर रोग भी हो जाते हैं जिस कारण उनकी आँखों से रौशनी चली जाती है और वो सदा के लिए अंधे हो जाते हैं.

आँखों की देखरेख और स्वस्थ बनाये रखने के लिए प्रतिदिन पौष्टिक आहार का सेवन करना बहुत आवश्यक है. बता दें अलसी के बीज में कई सारे पौष्टिक तत्त्व पाए जाते है जो आँखों की रोशनी बढाने के साथ अनेक बीमारियों से  छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं.
(और पढ़ें – आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय)

8.अलसी के फायदे बालों के लिए

आज कल बालों के समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. बाल शरीर का ताज होता है ऐसे में यदि बाल गिर जायें तो आदमी शर्मिन्दगी और टेंशन में आ जाता है.

आज कल बाल गिरने की समस्या बहुत कम उम्र के लोगो में देखने को मिल रही है और यदि समय रहते इस समस्या को कण्ट्रोल नहीं किया जाए तो पूरा गंजा होने में ज्यादा महीने नहीं लगते.

झड़ते हुए बाल और गंजेपन को रोकने के लिए अलसी के बीज का रोजाना सेवना करें. अलसी के बीज में ओमेगा -3 फैटी एसिड और विटामिन ई की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो बालों की जड़ों को मजबूत और सिर की त्वचा को पोषण प्रदान करते हैं जिससे बाल गिरना बंद हो जाते है.अलसी के फायदे बालों के लिए बहुत कारगर होता है.

(और पढ़ें – झड़ते हुए बालों को रोकने के उपाय)

9.पीलिया में भुनी अलसी के फायदे

जब यकृत की विकृति से खून में पित्त की मात्रा अधिक हो जाती है तब पीलिया रोग की उत्पत्ति होती है.शुरू में पीलिया रोग धीमी गति से व मामूली होता है तब इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद जब यह उग्र रूप धारण कर लेता है तो रोगी की आंखे,नाखून और पूरा शरीर पीला दिखाई देने लगता हैं. इसके अलावा पीलिया से ग्रसित रोगियों के हाथ-पैर और चेहरे पर सूजन आ आती है.

पीलिया रोग को ठीक करने के लिए भुनी अलसी के फायदेमंद होती है.अलसी के बीजों को भून कर महीन चूर्ण तैयार कर लें. अब रोजाना इस चूर्ण को आप मूली के पत्तों के रस के साथ या शहद के साथ सेवन करने से पीलिया रोग से छुटकारा पाया जा सकता है.

10.अलसी का बीज असरदार है सर्दी-खांसी दूर करने में

सर्दी खांसी सामान्य रोग हैं और यह किसी को भी किसी समय हो सकता है. लेकिन कुछ लोगो पर इसका असर बहुत ज्यादा होता है जिस कारण उन्हें दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है.यदि आपको सर्दी खांसी की समस्या कई सप्ताह या फिर महीनों से बनी है तो आपको इसका इलाज जल्द से जल्द करवाना चाहिए.

सर्दी खांसी के घरेलू उपाय में आप अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं.अलसी के बीजों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से आप सर्दी खांसी की समस्या छुटकारा पा सकते हैं.
(और पढ़ें – बलगम वाली खांसी के लिए घरेलू उपाय)

11.दमा रोग में अलसी के फायदे

दमा या अस्थमा एक ऐसी गंभीर बीमारी होती है जिसके कारण रोगी को साँस लेने में दिक्कत होती है. दमा होने पर श्वसन नली में सूजन आ जाती है जिससे  साँस लेने में तकलीफ होने के साथ-साथ खाँसी, सास फूलने,घबराहट और सीने में जकड़न जैसे समस्या उत्पन्न होने लगती है.जिसको यदि सही समय पर कण्ट्रोल न किया जाए तो रोगी की जान भी जा सकती है.

दमा रोग में से रहत पाने के लिए रोगियों को अलसी का सेवन करना चाहिए. अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर और एन्टीऑक्सडेंट तत्व मौजूद होते हैं जो अस्थमा को ठीक करने में असरदार होते हैं. अलसी का काढ़ा बनाकर पीने से  अस्थमा रोग से छुटकारा मिलता है.
(और पढ़ें- अस्थमा की देशी दवा)

12.अलसी का बीज का प्रयोग करें अनिद्रा की समस्या में

पूरी नीद न लेना भी एक बीमारी है और वर्तमान समय में यह समस्या कई लोगो को है.पूरी नींद न लेने से कई प्रकार की बीमारियाँ होने का खतरा होता है जैसे अनिद्रा के कारण अवसाद, एंजाइटी जैसे मानसिक रोगों होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

अनिद्रा की समस्या से निपटने के लिए आपको अलसी तेल का काजल बनाकर आँखों में लगाकर सोएं। इससे आपको अच्छी नीद आयेगी.
(और पढ़ें – नींद आने का रामबाण उपाय)

13.अलसी का उपयोग ह्रदय रोग के लिए

हृदय शरीर का सबसे व्यस्त अंग होता हैं जो 1 मिनट में 72 बार धड़कता हैं. वहीं तथा बच्चों का हृदय 1 मिनट में 102 बार धड़कता हैं. हृदय का मुख्य कार्य शरीर के विभिन्न भागों में रक्त पहुँचाना है.

अलसी के बीज का सेवन करने से हृदय स्वस्थ और हृदय को कई रोगों से बचाता है. अलसी में फाइबर,वसा और ओमेगा -3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाए जाते है जो जो दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत कारगर होते है.

14.अलसी लाभदायक है कैंसर के खतरे को कम में

मानव शरीर कईं अनगिनत कोशिकाओं से बना होता है और इन कोशिकाओं में शरीर का पूरा नियंत्रण होता है. लेकिन जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ने लगता है और कोशिकाएं अनियमित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो उसे कैंसर कहा जाता हैं.

शरीर में कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे- गुटका-तंबाकू जैसी नशीली चीजें सेवन करने से, अल्ट्रावॉलेट रे या फिर रेडिएशन के संपर्क में आने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

कैंसर के खतरे को कम करने के लिए अलसी बहुत लाभकारी होता है.अलसी में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ओमेगा -3 फैटी एसिड और लिगनन की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो कैंसर रोगियों के लिए फायदेमंद होता है. पिसे हुए अलसी पाउडर को दही में डालकर सेवन करने से कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.

15.अलसी का इस्तेमाल त्वचा के लिए

चेहरे की सुन्दरता बनाये रखने के लिए लोग तरह तरह की केमिकल युक्त क्रीम का इस्तेमाल करते है. जिनको लगाने से फायदे कम और नुकसान ज्यादा देखने को मिलते हैं. स्वस्थ और सुन्दर त्वचा पाने के लिए आप अलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

सुगंधित तेल की कुछ बूंदों के साथ अलसी के तेल में मिलाकर लगाने से  स्वस्थ और चिकनी त्वचा पाया जा सकता है. इसके अलावा अपने आहार में अलसी को शामिल कर सकते हैं जिससे मुँहासे,एक्जिमा,त्वचा एलर्जी,त्वचा सूखेपन,सनबर्न जैसे त्वचा सम्बंधित बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है.
(और पढ़ें – चेहरे को गोरा और सुंदर बनाने के उपाय)

अलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व – Nutritional Value in Flax Seeds in Hindi

अलसी के बीज के बीज में कैल्शियम, फाइबर, विटामिन सी, मैग्नीशियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड के अलावा कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसका सेवन करने से शरीर स्वस्थ और कई रोगों से छुटकारा मिलता है.

तो आईये जानते हैं अलसी में कौन-कौन से पोषक तत्त्व पाए जाते हैं और उनकी कितनी मात्रा होती हैं.

पोषक तत्व पोषक तत्वों की मात्रा
प्रोटीन 18.29 ग्राम
फाइबर 27.3 ग्राम
कैल्शियम 255 mg
फास्फोरस 642 mg
कार्बोहाइड्रेट 28.88 ग्राम
सोडियम 30 mg
एनर्जी 534 कैलोरीज
मैग्नीशियम 392 mg
जिंक 4.34 mg
कॉपर 1.22 mg
आयरन 5.73 mg
विटामिन सी 0.6 mg
विटामिन बी 6 0.473 mg
विटामिन ई 0.31 mg
फोलेट (डीएफई) 87 µg

अलसी के नुकसान – Side Effects of Flax Seeds in Hindi

जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी प्रकार से अलसी के बीज के फायदे है तो कुछ नुकसान भी है.

तो चलिए जानते है कि अलसी का ज्यादा इस्तेमाल करने से कौन-कौन से नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.

  1. अधिक मात्रा में अलसी के बीज का सेवन करने से यह आंतो को नुकसान पंहुचा सकता है.
  2. अलसी का अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस, दस्त और पेट संबंधी बीमारी हो सकती है.
  3. गर्भवती महिलाओं को अलसी का सेवन करने से पहले अच्छे डॉक्टर की परामर्श जरुर लेना चाहिए.
  4. कच्ची अलसी का सेवन करने से आपके शरीर को नुकसान पहुच सकता है क्योंकि कच्ची अलसी में जहरीले पदार्थ उपस्थित रहते हैं.
  5. मासिक चक्र के दौरान महिलाओ को अलसी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अलसी खून को पतला भी करता है.
  6. जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम है उन्हें अलसी के बीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्यूंकि अलसी में कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले तत्व मौजूद होते हैं.
  7. ज्यादा मात्रा में अलसी का सेवन करने से एलर्जिक रिऐक्शन का खतरा हो सकता है.

FAQs- Flax Seeds in Hindi

क्या अलसी गर्म होती है?

हाँ, अलसी की तासीर गर्म होती है.

अलसी में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

अलसी में फाइबर, विटामिन ई, मैग्नीशियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता हैं जो शरीर को स्वस्थ और रोगों से बचाता है.

अलसी कितने प्रकार की होती है?

अलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं भूरी अलसी,पीली अलसी.

अलसी का सेवन किस रोग में व कैसे करें?

अलसी का इसका सेवन करने से भी सूखी खांसी, वात-कफ और पित्त की बीमारी ठीक हो जाती है, अलसी के बीजों को भूनकर पाउडर बना लें, अब इस पाउडर को शहद या मिश्री के साथ सेवन करे.

अलसी कितने रुपए किलो है?

बाजार में अलसी की कीमत 80-100 रूपए प्रति किलो है.

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट अलसी के फायदे और नुकसान – Flax Seeds in Hindi जरुर पसंद आया होगा.अगर आपके मन में इस पोस्ट से जुड़े कोई सवाल है या सुझाव है तो निचे कमेंट कर सकते है. इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर भी शेयर करने जिससे अन्य लोगो को अलसी के फायदे के बारे में सही जानकारी पहुचेगी. अलसी का सेवन करने से पहले आपको किसी विशेषज्ञ से इसके परामर्श जरुर लेना चाहिए.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

2 Comments

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *