इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए, 100% लाभ मिलेगा

इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए – इओसिनोफिल्स एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिकायें है जो शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं। जब हमारे शरीर में इन कोशिकाओं की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है तो इसे इस्नोफीलिया कहते हैं।

इस्नोफीलिया के कारण व्यक्ति को गले में संक्रमण और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। अगर इस्नोफीलिया का इलाज समय पर ना किया जाए तो यह भयंकर रूप ले सकता हैं। जिससे व्यक्ति का गला, त्वचा, हृदय, रक्त वाहिकाएं, साइनस, गुर्दे और मस्तिष्क प्रभावित कर सकता हैं।

आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे कि इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए, इस्नोफीलिया क्यों होता है, इस्नोफीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए। तो इस महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए
इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए

इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए – Eosinophilia Me Kaun Sa Fal Khana Chahiye

अगर कोई व्यक्ति इस्नोफीलिया से ग्रसित है तो उसे अपने खानपान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इस्नोफीलिया के इलाज के दौरान ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिससे आपको इस्नोफीलिया की समस्या से राहत मिले।

अगर आप इओसिनोफिलिया के मरीज है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करके अपने खाने की डाइट चार्ट बनवा सकते हैं। इससे आपको इस्नोफीलिया से बहुत जल्द राहत मिल सकता है। यहाँ पर हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन इस्नोफीलिया के मरीज कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए।

  • फल – सेब, संतरे, अंगूर, ब्लूबेरी, केला, पपीता, और अनानास।
  • सब्जियां – पालक, ब्रोकोली, गाजर, टमाटर, खीरा, और मूली।
  • होल ग्रेन – जई, ओट्स, क्विनोआ, और ब्राउन राइस।
  • हेल्दी फैट – अलसी का तेल, जैतून का तेल, और एवोकाडो।
  • प्रोटीन – चिकन, मछली, टोफू, और बीन्स।

इस्नोफीलिया क्यों होता है – Eosinophilia Kyon Hota Hai

इओसिनोफिल्स खून में पाई जाने वाली सफ़ेद रक्त कोशिकाएं होती हैं जो हमारे शरीर में संक्रमण और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। एक स्वस्थ मनुष्य के ब्लड में इओसिनोफिल्स की संख्या 1 मिलीमीटर में 500 होती हैं। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में इओसिनोफिल्स की संख्या 500 से अधिक हो जाती हैं तो इसे इस्नोफीलिया कहा जाता हैं।

इस्नोफीलिया होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे

  • किसी दवा के रिएक्शन के कारण।
  • पैरासाइट और फंगल इंफेक्शन।
  • शरीर में इन्फेक्शन होने के कारण।
  • बोन मैरो से संबंधित समस्या होना।
  • एलर्जी की समस्या होना।
  • दमा या अस्थमा की समस्या होना।
  • एक्जिमा या त्वचा से संबंधित विकार होना।
  • कैंसर होने के कारण।

इस्नोफीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए – Eosinophilia Me Kya Nahi Khana Chahiye

इस्नोफीलिया के मरीजों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आपको उन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, जिनका सेवन करने से आपको एलर्जी की समस्या समस्या हो।

यहाँ पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस्नोफीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए।

  • एलर्जी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे डेयरी उत्पाद, दूध, दही पनीर।
  • कुछ लोगो को अंडे, नट्स, बीज, फलियां, मूमफली और सीफूड खाने से भी एलर्जी की समस्या हो सकती है।
  • पैरासाइट संक्रमण वाले खाद्य पदार्थ जैसे कच्चे या आधे पके हुए मांस या समुद्री जीव का भोजन नहीं करना करना चाहिए।
  • बिना धोए हुए फल और सब्जियों का सेवन करना भी नुकसान दायक हो सकता हैं।
  • कैंसर वाले खाद्य पदार्थ जैसे प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, तला-भुना हुआ भोजन और शर्करा युक्त पेय पदार्थ का सेवन ना करें।

इस्नोफीलिया के लक्षण – Eosinophilia Ke Lakshan

यहाँ पर हम इस्नोफीलिया होने के कुछ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपको ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

तो चलिए जानते हैं कि इस्नोफीलिया के लक्षण कौन-कौन से होते हैं

  • सांस लेने में दिक्कत होना।
  • खुजली की समस्या होना।
  • हृदय सबंधी समस्या होना।
  • गले में सूजन होना।
  • पेट में मरोड़ या दस्त लगना।
  • नाक बहना।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि इस्नोफीलिया में कौन सा फल खाना चाहिए। इस्नोफीलिया जो की एक प्रकार का White Blood Cells हैं। जिसे शार्ट में WBC भी कहते हैं। अगर आपके शरीर में इओसिनोफिल्स कोशिकाओं की मात्रा सामान्य से अधिक से होती हैं तो इसे इस्नोफीलिया कहा जाता हैं।

इस्नोफीलिया का इलाज जांच के पश्चात ही किया जाता है। अगर सही समय पर इस बीमारी का इलाज न किया जाएँ तो यह भयंकर रूप ले सकती हैं। इस्नोफीलिया के मरीजों को अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

डिस्क्लेमर – इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए यहाँ पर बताई गई किसी भी दवा या मान्यता को अमल करने से पहले डॉक्टर या सम्बंधित विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।

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