प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना, ऐसी गलती भूलकर भी ना करें

प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना – प्रेगेनेंसी का दौर एक माँ के लिए बड़ा सुनहरा पल होता है। इस प्रेगेनेंसी से उसकी कई सारी यादें जुडी होती हैं। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने बाद भ्रूण का व‍िकास काफी तेजी से होता है।

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इनमे से एक बदलाव ये भी है कि प्रेगनेंसी में महिला की नाभि में कालापन आ जाता है।

दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेगे कि प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना क्या है और इसके पीछे का मुख्य कारण है। तो इस महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना
प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना

प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना – Pregnancy Me Nabhi Ka Kala Hona

आमतौर पर प्रेगनेंसी में नाभि का काला होने की समस्या प्रेगेनेंसी की तीन महीने के बाद होती है। इस समय महिला के पेट में मौजूद भ्रूण का विकास जैसे-जैसे होता जाता है वैसे-वैसे ही प्रेगनेंट महिला का पेट भी बढ़ने लगता हैं।

भ्रूण का विकसित होने से महिला के पेट की मांसपेशियों में दवाब पड़ता हैं, इस दबाव के कारण महिला की नाभि बाहर की तरफ आती हैं। और नाभि में कालापन पड़ जाता हैं।

इसके अलावा अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिला अपने शरीर को अच्छे तरीके से साफ नहीं करती है तो उसकी नाभ‍ि काली हो सकती है।

प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना घरेलू उपाय

प्रेगनेंसी के दौरान एक मां के शरीर में बहुत सारे शारीरिक बदलाव तो होते ही हैं। अगर आपके भी नाभ‍ि का कालापन है तो इसे दूर करने के ल‍िए कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं।

यहाँ पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रेगनेंसी में नाभि के कालापन को दूर करने के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय अपना सकते हैं।

(1) च‍िरौंजी का प्रयोग

प्रेगनेंसी में नाभि का कालापन दूर करने के ल‍िए आप च‍िरौंजी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए च‍िरौंजी के पेस्‍ट में शहद, नींबू और गुलाब जल म‍िलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें। अब इस मिश्रण को अपनी नाभ‍ि पर लगायें।

आप चाहें तो च‍िरौंजी के पेस्‍ट के साथ मलाई म‍िलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को हफ्ते में 2 बार करें, इससे आपकी नाभ‍ि का कालापन दूर हो सकता है।

(2) बेसन का प्रयोग

अगर आप भी प्रेगनेंसी में काली नाभ‍ि की समस्‍या से छुटकारा पाना चाहती हैं तो बेसन आपके लिए रामबाण साबित हो सकता हैं। इसके लिए सबसे पहले बेसन में थोड़ा सा सरसों का तेल और दूध म‍िलाकर मिश्रण तैयार कर लें। अब इस मिश्रण को अपनी नाभ‍ि पर लगायें और आधे घंटे तक इसे लगा रहने दें।

इसके बाद साफ़ पानी से अपनी नाभ‍ि धो लें। कुछ द‍िनों तक नियमित रूप से इस प्रक्रिया को अपनाने से आपकी नाभ‍ि का कालापन दूर हो जाएगा।

(3) हल्‍दी और एलोवेरा

प्रेगनेंसी में नाभ‍ि के कालेपन से छुटकारा पाने के ल‍िए आप हल्‍दी और एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए चुटकी भर हल्‍दी में एलोवेरा म‍िलाकर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को ना‍भ‍ि में लगाकर कॉटन बड की मदद से नाभ‍ि के अंदर चारों तरफ लगायें।

इस प्रक्रिया से नाभ‍ि के अन्दर जमा हुई गंदगी कॉटन बड की मदद बाहर निकाल जायेगी और ना‍भ‍ि साफ दिखने लगेगी। आप इस प्रक्रिया को रोजाना अपना सकते हैं।

(4) सेंधा नमक

सेंधा नमक की मदद से भी आप प्रेगनेंसी में नाभि के कालापन की समस्या को दूर कर सकती हैं। दरअसल सेंधा नमक में ब्‍लीच‍िंग गुण मौजूद होते हैं। जो काली नाभ‍ि को गोरा बनाने में मदद करते हैं और संक्रमण भी दूर करते है।

इसके लिए सेंधा नमक को केले के छ‍िलके पर लगाकर नाभ‍ि के चरों तरफ पर रगड़ें। इसके 15 म‍िनट बाद नाभ‍ि को पानी से साफ़ कर लें।

(5) टमाटर का प्रयोग

प्रेगनेंसी में नाभ‍ि का कालापन की समस्या से बचने के लिए टमाटर का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। टमाटर हमारी त्वचा पर एक नेचुरल ब्‍लीच के रूप में काम करता है।

नाभ‍ि का कालापन दूर करने के लिए टमाटर के रस को नाभ‍ि पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। लगभग 15- 20 म‍िनट बाद फिर नाभ‍ि को साफ पानी से धुल लें। इस प्रक्रिया को आप हफ्ते में 2 बार कर सकती हैं।

निष्कर्ष

इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि प्रेगनेंसी में नाभि का काला होना इसके पीछे के क्या-क्या कारण हो सकते हैं। जब कोई महिला गर्भवती होती है तो पहले से तीन महीने तक पेट में कोई हलचल महसूस नहीं होती है, लेकिन उसके बाद जैसे-जैसे भ्रूण का विकास होता जाता है वैसे-वैसे पेट बढ़ने लगता है और मांसपेश‍ियों में ख‍िंचाव होता है।

प्रेगनेंसी के तीन महीने बाद महिला की नाभ‍ि में बदलाव दिखने शुरू हो जाते हैं। जिनमें से एक होता है नाभि का काला होना। नाभि का काला होने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं। अगर आपकी भी नाभ‍ि काली है तो इससे छुटकारा पाने के लिए इस पोस्ट में बताये गई घरेलू उपायों की मदद ले सकते हैं।

नोट – इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए यहाँ पर बताई गई किसी भी दवा या मान्यता को अमल करने से पहले डॉक्टर या सम्बंधित विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।

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