1 दिन में कितनी बार लैट्रिन जाना चाहिए – जिस प्रकार से स्वस्थ और हेल्दी आहार लेना हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता हैं, ठीक उसी प्रकार रोजाना लैट्रिन जाना भी बहुत आवश्यक होता हैं। रोजाना लैट्रिन जाने से पेट साफ़ रहता है और पेट सम्बन्धी बिमारियाँ दूर रहती हैं।
अगर कोई व्यक्ति बहुत कम लैट्रिन जाता है या दिन में कई बार लैट्रिन जाता है तो यह स्वास्थ्य लिहाज से अच्छा नहीं होता हैं। जरुरत से ज्यादा और जरुरत से कम लैट्रिन जाने पर आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। तो अब सवाल आता है कि 1 दिन में कितनी बार लैट्रिन जाना चाहिए।
आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे कि 1 दिन में कितनी बार लैट्रिन जाना चाहिए और लैट्रिन में कितनी देर बैठना चाहिए। तो इस महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
1 दिन में कितनी बार लैट्रिन जाना चाहिए – 1 Din Me Kitni Bar Latrine Jana Chahiye
1 दिन में 2 बार लैट्रिन जाना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति 1 दिन में दो बार सुबह और शाम लैट्रिन जाता हैं। अगर आप इससे कम या अधिक बार लैट्रिन जाते है तो इसका मतलब आपके पेट में कुछ गड़बड़ हैं।
जिन लोगो को रोजाना समय पर लैट्रिन नहीं आती हैं उनके पेट में कब्ज, गैस अपच जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लैट्रिन में कितनी देर बैठना चाहिए?
लैट्रिन में लगभग 10 मिनट तक बैठना चाहिए। अगर आपको रोजाना इससे ज्यादा समय लगता हैं तो इसका मतलब आपके पेट में कुछ समस्या हो सकती हैं। ऐसे में आप एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
कई लोग ऐसे होते हैं जो बाथरूम में घंटों बैठे रहते हैं। वहाँ बैठकर अखबार पढ़ते हैं या मोबाइल चलाते रहते हैं। अगर आप भी ऐसा करते है हैं तो सतर्क हो जाएं क्योंकि टॉयलेट में ज़्यादा देर बैठने से आपको कई प्रकार की समस्या सकती है।
यहाँ पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि ज्यादा समय तक टॉयलेट पर बैठने से कौन-कौन सी बीमारियां होने का खतरा रहता है।
(1) बैक्टीरिया का खतरा
बाथरूम में कई तरह के खतरनाक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो सफाई करने के बाद भी पूरी तरह से नहीं जाते हैं। ऐसे में जब कोई व्यक्ति घंटो तक टॉयलेट में बैठा रहता है तो उसे बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है।
इसके अलावा आपके अखबार या फोन पर भी बैक्टीरिया चिपक जाते हैं जो फिर बाथरूम से निकलकर आपके कमरे तक पहुच जाते हैं। इन बैक्टीरिया के कारण आप बीमार पड़ सकते हैं।
(2) बवासीर की समस्या
कई एक्सपर्ट्स लोगो का कहना है कि टॉयलेट में ज्यादा देर तक बैठने से बवासीर होने का खतरा रहता है।
क्योंकि लम्बे समय तक टॉयलेट में बैठे रहने से आपके निचले हिस्से की मांसपेशियों पर अधिक खिंचाव पड़ता है जिससे बवासीर होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
(3) पाचन तंत्र कमजोर
जो लोग टॉयलेट में ज्यादा समय तक बैठे रहते हैं उनका पाचन तंत्र कमजोर पड़ने लगता है। साथ ही पेट ठीक तरह से साफ न होने की समस्या भी बढ़ने लगती हैं।
(4) मांसपेशिया कमजोर
अगर आप भी ऐसी श्रेणी में आते हैं जो टॉयलेट में ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं तो इस आदत को सुधार लें।
टॉयलेट में 10 मिनट से ज्यादा समय तक बिताने से पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। और फिर आपके कूल्हे और पैरों में दर्द की समस्या होने लगती हैं।
लैट्रिन नहीं होने पर क्या करना चाहिए
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में गलत खान-पान और अनियमित जीवनशैली को अपनाते हैं जिस वजह से उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। जिन लोगो को रोजाना समय पर लैट्रिन नहीं आती हैं उन्हें कब्ज, पेट दर्द, एसिडिटी, भूख ना लगना, जी मिचलाना जैसी समस्याएं होने लगती है।
अगर आपको समय पर लैट्रिन नहीं आती है या पेट साफ़ नहीं रहता है तो नीचे बताये गए घरेलू उपाय कर सकते हैं।
(1) गुनगुना पानी पियें
एक व्यक्ति को रोजाना 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए है। पानी हमारे शरीर को अच्छी तरह से डिटॉक्स करने में मदद करता है और हानिकारक पदार्थो को शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करता है।
अगर आपको लैट्रिन नहीं आती है तो सुबह उठकर एक कप गुनगुने पानी में आधा नींबू और एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। इससे लैट्रिन ना आने की समस्या दूर हो जायेगी।
(2) त्रिफला चूर्ण का सेवन
आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को बहुत गुणकारी औषधी माना जाता है। जिसका इस्तेमाल कई प्रकार के रोगों को ठीक करने में किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को ठीक तरह से लैट्रिन नहीं आती है तो उसे त्रिफला चूर्ण लेने की सलाह दी जाती है।
इसके लिए आप रात में त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी लैट्रिन नही आने की समस्या दूर होती हैं।
(3) दूध का सेवन
दूध पीना हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य से लिए बहुत लाभदायक होता है। अगर आपको सुबह उठते है लैट्रिन नहीं आता हैं और घंटो तक टॉयलेट में बैठे रहते हैं तो दूध में दो चम्मच देसी घी डालकर रात को सोने से पहले सेवन करें।
इस प्रक्रिया से आपकी सुबह लैट्रिन ना आने की समस्या दूर हो जायेगी।
(4) सेब का सिरका
अगर आपको भी अधिक समय तक टॉयलेट में बैठना पड़ता हैं तो ऐसे में सेब का सिरका आपके लिए असरदार साबित हो सकता हैं। सेब का सिरका पेट संबंधी विकारों को दूर करने के में काफी मददगार होता है।
इसके लिए आप खाना-खाने से पहले आधे कप पानी में 2 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पी सकते हैं। नियमित रूप से सुबह और शाम इस मिश्रण को पीने से आपको सुबह उठते ही लैट्रिन आना शुरू हो जाएगा।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि 1 दिन में कितनी बार लैट्रिन जाना चाहिए। आज के समय के गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या के कारण कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती है। इन्ही समस्याओं में से एक है कई लोगो को समय पर लैट्रिन नही आती हैं।
अगर किसी व्यक्ति को समय पर लैट्रिन नही आती हैं तो उसे कब्ज, गैस, अपच जैसी पेट संबंधी समस्याएं होने लगती है। एक स्वस्थ व्यक्ति को 1 दिन में 2 बार लैट्रिन जाना चाहिए और लैट्रिन में लगभग 10 मिनट तक बैठना चाहिए।
डिस्क्लेमर – इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए यहाँ पर बताई गई किसी भी दवा या मान्यता को अमल करने से पहले डॉक्टर या सम्बंधित विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।
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