नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट – हमारे शरीर को मजबूत बनाये रखने के लिए नसों का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। शरीर की बुनियादी ढांचा नसों पर टिका होता है, जो पूरे शरीर में रक्त संचारित करता है। शरीर की हर गतिविधियाँ और कामकाज करने में नसों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
कई बार गलत खान-पान और अनियमित दिनचर्या के कारण ये नसें कमजोर पड़ जाती हैं जिसकी वजह से हमारे शरीर में कई प्रकार की समस्यायें होने लगती है। नसों की कमजोरी को एक गंभीर विकार माना जाता है, और अगर समय रहते इस पर ध्यान ना दिया जाए तो इसके घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
आज के इस पोस्ट में हम आपको नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट और आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताने जा रहे हैं, साथ ही नसों की कमजोरी के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय के बारे में भी बताएँगे। तो इस महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट – Naso Ki Kamjori Ke Liye Tablet
वैसे तो मार्केट में आपको नसों की कमजोरी के लिए कई तरह की टेबलेट मिल जायेंगी। लेकिन किसी भी टैबलेट का सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
यहाँ पर हम आपको नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट के बारे में बताने जा रहे हैं। इन टैबलेट को आप डॉक्टर की परामर्श लेकर सेवन कर सकते हैं।
(1) Nurokind Gold RF Capsule
Nurokind Gold RF Capsule का इस्तेमाल नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट के रूप में किया जा सकता है। इस दवा में कुछ ऐसे इंग्रेडिएंट्स मौजूद होते हैं जो नसों की कमजोरी को दूर करके उन्हें मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
इसके अलावा इस दवा को लेने से आपके दांतों को मजबूती मिलती है और जोड़ो के दर्द से भी राहत मिलती है। न्यूरोकाइंड गोल्ड कैप्सूल को आप खाना खाने के आधा घंटे बाद पानी के साथ ले सकते हैं।
(2) Neurobion Forte
अगर आपकी भी गिनती उन लोगो के साथ हो रही हैं जिनके शरीर में सुबह उठते के साथ ही मांपेसियों में दर्द बना रहता है। तो Neurobion Forte दवा आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह दवा आपकी कमजोर नसों को मजबूत बनाता है साथ ही मांपेसियों के दर्द से राहत दिलाता है।
इस दवा को आप खाना खाने के बाद सेवन कर सकते हैं। Neurobion Forte की 1-1 टैबलेट को सुबह और शाम पानी के साथ ले सकते हैं। Neurobion Forte का टेबलेट और इंजेक्शन दोनों आता है। डॉक्टर पीड़ित की स्वास्थ्य और स्थिति के अनुसार दवा लेने की सलाह देते हैं।
(3) Becadexamin Capsule
अगर आप नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट की तलाश कर रहे हैं तो Becadexamin Capsule आपके बहुत काम आ सकता है। Becadexamin Capsule एक मल्टीविटामिन कैप्सूल है जो आपकी नसों को मजबूत बनाता है और आपकी इम्युनिटी पॉवर को भी बढ़ाता है।
अगर आपको जोड़ो के दर्द के कारण उठने-बैठने में दिक्कत होती है तो Becadexamin Capsule लेने से काफी आराम मिल सकता है। इस दवा को आप दिन में 2 बार खाना खाने के बाद, पानी के साथ सेवन कर सकते हैं।
नसों की कमजोरी के लिए आयुर्वेदिक दवा – Naso Ki Kamjori Ke Liye Ayurvedic Dawa
ऐसा अक्सर देखा जाता है कि लोग नसों की कमजोरी से छुटकारा पाने के लिए अंग्रेजी दवाइयों का सहारा लेते हैं। लेकिन आपको बता दें कि अंग्रेजी दवाइयों का सेवन करने से कभी कभार साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं।
इसलिए अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनके शरीर की नसें कमजोर है और दर्द बना रहता है तो इसे दूर करने के आयुर्वेदिक दवाइयों का सहारा ले सकते हैं। आयुर्वेदिक दवाइयों की सबसे अच्छी बात यह होती है कि इनके साइड-इफ़ेक्ट ना के बराबर होते हैं।
तो चलिए जानते हैं कि नसों की कमजोरी के लिए आयुर्वेदिक दवा कौन-कौन सी हैं
(1) अश्वगंधा का सेवन
आयुर्वेद में अश्वगंधा का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। अश्वगंधा का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर को ऊर्जा और ताकत मिलती है, साथ ही नसों की कमजोरी को दूर करने में भी कारगर होता है।
बाजार में अश्वगंधा का पाउडर और कैप्सूल दोनों रूप में मिलता है। आप अश्वगंधा पाउडर को रोजाना सुबह और शाम सेवन कर सकते हैं। एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को एक गिलास दूध या एक गिलास पानी में मिलाकर सोने से पहले और सुबह उठने के बाद पी सकते हैं।
(2) शिलाजीत कैप्सूल
नसों की कमजोरी के लिए आयुर्वेदिक दवा – शिलाजीत का सेवन कर सकते हैं। शिलाजीत भी अश्वगंधा के तरह नसों की कमजोरी को दूर करने और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
बाजार में आपको पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल आसानी से मिल जायेंगा है। पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल को आप दूध के साथ सेवन कर सकते हैं।
(3) कैमोमाइल-टी
नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए आप रोजाना कैमोमाइल टी का सेवन कर सकते हैं। कैमोमाइल टी बनाने के लिए सबसे पहले कैमोमाइल की पत्तियों को पानी में डालकर उबाल ले। इसके बाद इसको छान लीजिए। और फिर इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।
कैमोमाइल टी हेल्दी पेय पदार्थों में से एक माना जाता है। इसमें कई सारे गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं जो आपके स्वास्थ को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
नसों की कमजोरी के कारण – Causes of Nervous Weakness in Hindi
नसों की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं –
- मधुमेह की समस्या।
- हाई ब्लड प्रेशर के कारण।
- शरीर पर चोट लगने और नसों में सूजन की वजह से।
- किसी संक्रामक बीमारी के कारण।
- शरीर में हार्मोनल संतुलन बिगड़ने से।
- किडनी और लिवर संबंधित विकार के कारण।
- अत्यधिक शराब का सेवन करने से।
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण।
- ट्यूमर या कैंसर जैसी घातक बीमारी के कारण।
नसों की कमजोरी के लक्षण – Symptoms Of Nervous Weakness in Hindi
नसों की कमजोरी के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं –
- नसों में दर्द होना।
- मासपेसियाँ कमजोर होना।
- हाथ या पैर में संवेदनहीनता।
- अत्यधिक पसीना आना।
- अनियंत्रित बल्ड प्रेशर।
- कपकपी होना।
- पेट से संबंधित समस्याएं।
- अत्यधिक गर्मी महसूस होना।
- सूंघने, देखने, स्वाद, स्पर्श या सुनने की शक्ति कमजोर होना।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट और आयुर्वेदिक दवा कौन-कौन सी हैं। नसों की कमजोरी को मेडिकल भाषा में न्यूरोपैथी कहा जाता है। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में अस्त-व्यस्त और अनियंत्रित जीवनशैली के कारण लोगो के जीवन में कई सारे नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है। नसों की कमजोरी भी उन्ही विकारों में शामिल है।
नसों की कमजोरी होने पर व्यक्ति का सम्पूर्ण शरीर बिखरा हुआ सा महसूस होता है। क्योंकि नसे कमजोर होने से हमारे शरीर की मांसपेशियां भी कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं। अगर आप भी नसों की कमजोरी की समस्या से जूझ रहे हैं तो इस पोस्ट में बताई गई नसों की कमजोरी के लिए टेबलेट और आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर – इस पोस्ट में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. इसलिए यहाँ पर बताई गई किसी भी दवा या मान्यता को अमल करने से पहले डॉक्टर या सम्बंधित विशेषज्ञ की परामर्श जरूर लें।
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